इंडिया न्यूज, गोरखपुर:
Railway will soon start making bedrolls रेल के सफर में यात्रियों को ठंड को लेकर परेशान नहीं होना पड़ेगा। न ही घर से कंबल और चादर लेकर चलना पड़ेगा। रेलवे ने यात्रियों को बेडरोल (कंबल, चादर, तौलिया और तकिया आदि) देने की तैयारी तेज कर दी है। पूर्वोत्तर रेलवे मुख्यालय गोरखपुर ने बोर्ड को बेडरोल की रिपोर्ट भेज दी है। फिलहाल गोरखपुर के पास 14 हजार कंबल हैं और उसे पांच हजार और चाहिए। पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने भी अपनी तरफ से तैयारी तेज कर दी है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर कभी भी बेडरोल की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।
भले ही कोरोना के नए वैरिएंट ने दस्तक दे दी है, लेकिन रेलवे प्रशासन यात्रियों को बेडरोल देने की तैयारियों में जुटा हुआ है। रेलवे बोर्ड ने पूर्वोत्तर रेलवे सहित सभी जोन से बेडरोल के स्टाक, आवश्यकता और मैकेनाइज्ड लाउंड्री की स्थिति के बारे में भी जानकारी मांगी है। साथ ही पूर्वोत्तर रेलवे सहित सभी जोन मुख्यालय से बेडरोल की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित कर दिया है। कभी भी यात्रियों को बेडरोल उपलबध कराने का फरमान जारी हो सकता है।
23 मार्च 2020 से लाकडाउन के साथ ही उनका उपयोग नहीं हो रहा है। लाकडाउन के बाद एक जून 2020 से स्पेशल के रूप में ट्रेनों का संचालन शुरू हो गया। लेकिन रेलवे बोर्ड ने कोविड प्रोटोकाल का हवाला देते हुए वातानुकूलित बोगियों से बेडरोल और पर्दों को हटा लिया।
अब स्थिति सामान्य होने के बाद सभी ट्रेनें चलने लगी हैं। ट्रेनों में वातानुकूलित कोच भी बढ़ने लगे हैं। स्लीपर की जगह एसी थर्ड श्रेणी के कोच लगने लगे हैं। ठंड ने भी दस्तक दे दी है। लेकिन बेडरोल नहीं मिल रहा। ऐसे में यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है। बुजुर्ग, बच्चे और मरीजों की यात्रा कठिन होती जा रही है।
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