India News(इंडिया न्यूज़), Ram Mandir: रामलला के नाम पर केस दायर करने वाले निर्वाणी अखाड़े के महंत धर्मदास ने बड़ा ऐलान किया है। उनके इस ऐलान से ट्रस्ट की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। रामलला के नाम पर मुकदमा दायर करने वाले निर्वाणी अखाड़े के महंत धर्मदास ने घोषणा की है कि 70 साल से चल रहे रामजन्मभूमि मामले का फैसला रामलला के नाम पर चल रहे मूर्ति के पक्ष में आया है। वही मूर्ति गर्भगृह में स्थापित की जाएगी। इसके अलावा गर्भगृह में कोई मूर्ति स्थापित नहीं की जा सकती। अन्यथा यह गैरकानूनी होगा और मैं इसके खिलाफ मुकदमा दायर करूंगा और बाहर भी संघर्ष होगा।
इसके अलावा ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामीश्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष को पत्र लिखा है। उन्होंने अपने पत्र में भी यही मुद्दा उठाया है। शंकराचार्य ने पत्र में लिखा- कल शाम समाचार माध्यमों के माध्यम से यह बात सामने आई कि रामलला की मूर्ति को एक विशेष स्थान से राम मंदिर परिसर में लाया गया है और गर्भगृह में उसकी प्राण-प्रतिष्ठा की जानी है निर्माणाधीन मंदिर का गर्भगृह। एक ट्रक भी दिखाया गया जिसमें मूर्ति लाए जाने की बात कही गई। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि नवनिर्मित श्रीराम मंदिर में नई मूर्ति स्थापित की जाएगी, जबकि परिसर में श्रीरामलला पहले से ही विराजमान हैं।
उन्होंने लिखा कि यहां सवाल यह उठता है कि अगर नई मूर्ति स्थापित की गई तो श्री राम लला विराजमान का क्या होगा? अब तक रामभक्तों को लगता था कि यह नया मंदिर श्री रामलला विराजमान के लिए बनाया जा रहा है, लेकिन अब जब निर्माणाधीन मंदिर के गर्भगृह में प्राण-प्रतिष्ठा के लिए नई मूर्ति लाई जाएगी तो डर है कि कहीं इससे श्री राम की उपेक्षा न हो जाए लल्ला विराजमान।
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