India News (इंडिया न्यूज़), Ram Mandir: आज अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का एतिहासिक समारोह होने जा रहा है। देश भर में इसको लेकर उत्साह जगा हुआ है। देश ने इस एतिहासिक दिन के लिए दशकों इंतजार किया है। ऐसे में इस अवसर से जुड़ी कुछ खास बातों पर नजर डालते हैं।
380×250 फीट का मंदिर पारंपरिक उत्तर-भारतीय नागर शैली में बनाया जा रहा है। इसके 392 स्तंभों, 44 दरवाजों और दीवारों पर देवी-देवताओं की नक्काशी है। गर्भगृह में पांच वर्षीय भगवान राम की मूर्ति स्थापित की गई है।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर उत्साह केवल देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी नजर आ रहा है। दुनियाभर में इसको लेकर कई कार्यक्रम भी आयोजित किए गदए हैं। इस अवसर को दिवाली के रूप में मनाया गया है।
पीएम मोदी आज दोपहर में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए 11 दिनों के सख्त धार्मिक अनुष्ठानों का पालन कर रहे हैं। पीएमओ से जारी बयान के मुताबिक पीएम मोदी लोगों को भी संबोधित करेंगे।
राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर विपक्षी दल के नेता लगातार भाजपा पर आरोप लगा रहें हैें। कांग्रेस, वामपंथी, तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी सहित कई विपक्षी दल बीजेपी पर आरोप लगा रहें हैं कि बीजेपी लोग सभा चुनाव से पहले उद्घाटन कर राजनीतिक एजेंडा तय कर रही है।
जिसके बाद भाजपा ने पलटवार करते हुए कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी सहित निमंत्रण अस्वीकार करने वाले सभी लोगों की निंदा की है। पार्टियों को हिंदू विरोधी बताते हुए बीजेपी ने ऐलान किया है कि उन्हें चुनाव में जनता से इसकी सजा मिलेगी।
प्राण प्रतिष्ठा के विवादों में आने का एक मुद्दा ये भी है कि, चार प्रमुख मठों के शंकराचार्यों ने इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया है। पुरी और जोशीमठ के शंकराचार्यों ने कहा है कि अधूरे मंदिर का अभिषेक नहीं किया जा सकता। उन्होंने यह भी सवाल किया है कि जब शंकराचार्यों को बाहर सीटें आवंटित की गई हैं तो पीएम मोदी गर्भगृह के अंदर क्यों होंगे। बीजेपी पर आरोप लगाते हुए उन्होने कहा कि इस समारोह को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है।
ऐतिहासिक प्राण प्रतिष्ठा समारोह में देश के सभी प्रमुख आध्यात्मिक और धार्मिक संप्रदायों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। समारोह में अलग अलग आदिवासी समुदायों के प्रतिनिधियों और खेल, फिल्म जगत के लोग भी शामिल होंगे।
पीएम मोदी राम मंदिर निर्माण में लगे मजदूरों से बातचीत करेंगे। वह कुबेर टीला भी जाएंगे और पूजा-अर्चना करेंगे। कुबेर टीला में भगवान शिव के प्राचीन मंदिर की दोबारा स्थापना की गई है। कुबेर टीला परिसर के दक्षिण-पश्चिमी भाग में स्थित है।
भाजपा और आरएसएस के कई नेता पहले से ही अयोध्या में में मौजूद हैं। उन सभी ने 11,000 से अधिक लोगें के स्वागत की तैयारी की है।
अयोध्या में एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और एक रेलवे स्टेशन है जिसे दोबारा बनाया गया है। अयोध्या में होटल, गेस्ट हाउस और होमस्टे तेजी से बढ़े हैं। जिससे अयोध्या में आर्थिक उछाल भी देखने को मिला है।
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