Ramcharit Manas controversy: (Amidst the ongoing controversy over Ramcharit Manas) रामचरित मानस पर चल रहे विवाद के बीच पीठाधीश्वर ने दिया शास्त्रार्थ को खुली चुनौती। कहा- मैं उन्हें इस पर शास्त्रार्थ करने की खुली चुनौती देता हूँ। वे लोग कभी भी इस पर शास्त्रार्थ कर लें अगर रामचरित मानस की लिखी बातें गलत होंगी तो मैं सन्यास और अपनी गद्दी छोड़ दूंगा।
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में आज महाराणा छत्रिय महाकुंभ का आयोजन किया गया। जो कि क्षत्रिय महासभा के द्वारा किया गया। महाराणा छत्रिय महाकुंभ में मुख्य अतिथि के रूप में संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष और हथियाराम सिद्ध पीठ के पीठाधीश्वर महाराज भवानी नंदन यति भी मौजूद रहे। बता दें कि, इस कार्यक्रम को रखने का मकसद क्षत्रिय समाज द्वारा सर्व हिंदू समाज को एकजुट करना है। यह कार्यक्रम रविवार को स्थानीय लंका मैदान में किया गया।
इस मौके पर राष्ट्रीय अध्यक्ष कुंवर अवनीश सिंह ने संस्था के कार्यो और उद्देश्यों पर अपनी बात रखी। उन्होंने कार्यो और उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि समाज की कुरीतियों के खिलाफ हमें एकजुट होना होगा। सीमा पर हमारे शहीद सैनिकों का सम्मान और क्षत्रिय समाज के साथ समस्त हिंदुओं को जागरूक करने का कार्य किया जा रहा है। जिसके बाद उन्होंने आरक्षण पर अपनी बात रखते हुए कहा कि इसे सामाजिक सरोकार के चलते आर्थिक आधार पर लागू किया जाना चाहिए। हमारे संविधान में आरक्षण की बात कही गयी है। रामचरित मानस में कहा गया है कि शुद्र अगर ब्राह्मण का कार्य करता है तो उसे ब्राह्मण का दर्जा मिलेगा और संविधान कहता है कि तुम शुद्र पैदा हुए तो शुद्र ही मर जाओगे, यदि जलाना है तो संविधान जलाओ न।
इस अवसर पर हथियाराम सिद्धपीठ के पीठाधीश्वर भावनिनन्दन यति जी महाराज ने कहा कि महाराणा प्रताप समाज के प्रतिष्ठित नमोम में से एक है। रामचरित मानस विवाद पर उन्होंने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि कुछ लोगो द्वारा स्वार्थ में धर्म भ्रष्ट करने की बात कही गई है। मैं उन्हें इस पर शास्त्रार्थ करने की खुली चुनौती देता हूँ। वे लोग कभी भी इस पर शास्त्रार्थ कर लें अगर रामचरित मानस की लिखी बातें गलत होंगी तो मैं सन्यास और अपनी गद्दी छोड़ दूंगा।
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