Ramcharitmanas Row: (Daughter Sanghamitra Maurya left the company of father Swami Prasad Maurya, remembered Lord Ram like this): सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा रामचरितमानस पर विवादित बयान के बाद से जुबानी जंग जारी है। इस बीच बदायूं से बीजेपी सांसद और स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य अब पिता से अलग राह पर चलती नजर आ रही हैं। हालांकि कुछ दिनों पहले उन्होंने अपने पिता के बयान का समर्थन किया था।
बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्य ने कहा कि “मेरे राम, तेरे नाम ने मुझे अनमोल कर दिया। जिस शालिग्राम देवशीला से प्रभु श्री राम जी की मूर्ति बनाई जाएगी, वह अब नेपाल से अयोध्या पहुंच गई है। वह शालिग्राम रास्ते मे जहां-जहां से भी आया वहां के श्री राम भक्त इसे छूने के लिए लालायित रहे। राम भक्तो ने उस शिला की पूजा अर्चना करते हुए अयोध्या के लिए विदा किया। साथ ही जोश के शालिग्राम देवशीला के साथ-साथ चलते रहे।”
जबकि इससे पहले बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्य ने खुद को पिता के बयान से अलग कर लिया था। तब उन्होंने कहा था, “मैं अभी चुनावों पर ध्यान केंद्रित कर रही हूं। साथ ही यह सुनिश्चित कर रही हूं कि मेरी पार्टी सत्ता में दोबारा वापस आए। आगे कहा था, यह चुनाव के अलावा अन्य मुद्दों पर बोलने का समय नहीं है।” हालांकि यूपी बीजेपी के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के बयान के बाद बीजेपी सांसद का ये बयान आया है।
उस बयान में यूपी बीजेपी के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने संघमित्रा से अपना स्टैंड साफ करने को कहा था। उन्होंने कहा था, “संघमित्रा मौर्य बीजेपी की सांसद हैं और उन्हें पार्टी की विचारधारा का पालन करना जरुरी है।” बता दे, इससे पहले बीजेपी सांसद संघमित्रा ने कहा था, “उनके पिता की टिप्पणी ‘रामचरितमानस’ पर विवाद का विषय नहीं बल्कि चर्चा का विषय है। आगे कहा था, एक विशेष पंक्ति पर बार-बार विवाद क्यों हो रहा है। इस मुद्दे पर चर्चा की जानी चाहिए।”
संघमित्रा ने कहा था, “मेरे पिता जी ने रामचरितमानस को पढ़ा है। फ़िलहाल उनसे मेरी इस संबंध में कोई बात नहीं हुई है, लेकिन उन्होंने अगर एक चौपाई का उदाहरण दिया है तो शायद इसलिए क्योंकि वह लाइन भगवान श्री राम के चरित्र के विपरीत बताया गया है। यह विषय मीडिया में बैठ कर बहस करने का नहीं है। इस पर बैठ कर बात होनी चाहिए। लेकिन फ़िलहाल वो अपने बयान को वापस लेकर भगवन राम को याद रही है।