India News, (इंडिया न्यूज),Ram Mandir: अयोध्या में 16 जनवरी से शुरू हुए प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान का गुरुवार 18 जनवरी को तीसरा दिन है। मिली जानकारी के अनुसार, रामलला गर्भगृह में अपने आसन पर विराजमान हो गए हैं। उनकी स्थापना रामयंत्र पर की गई है।
सामने आई जानकारी के मुताबिक, अयोध्या में जन्म भूमि स्थित राम मंदिर में गुरुवार को दोपहर 12:30 बजे के बाद राममूर्ति का प्रवेश हुआ। इसके बाद दोपहर 1:20 बजे यजमान द्वारा प्रधानसंकल्प होने पर वेदमन्त्रों की ध्वनि से वातावरण मंगलमय हुआ। मूर्ति के जलाधिवास तक के कार्य गुरुवार को संपन्न हुए। अब शुक्रवार को प्रातः 9 बजे अरणिमन्थन से अग्नि प्रकट होगी। उसके पूर्व गणपति आदि स्थापित देवताओं का पूजन, द्वारपालों द्वारा सभी शाखाओं का वेदपारायण, देवप्रबोधन, औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास, कुण्डपूजन, पञ्चभूसंस्कार होगा।
फिर अरणिमन्थन द्वारा प्रगट हुई अग्नि की कुण्ड में स्थापना, ग्रहस्थापन, असंख्यात रुद्रपीठस्थापन, प्रधानदेवतास्थापन, राजाराम- भद्र- श्रीरामयन्त्र- बीठदेवता-अङ्ग देवता-आवरण देवता-महापूजा, वारुण मण्डल, योगिनी मण्डल स्थापन, क्षेत्रपाल मण्डल स्थापन, ग्रह होम, स्थाप्य देव होम, प्रासाद वास्तुश्शान्ति, धान्याधिवास सायंकालिक पूजन एवं आरती होगी।
मालूम हो, प्राण प्रतिष्ठा के बाद ही रामलला के पावन विग्रह के दर्शन किए जा सकेंगे। मिली जानकारी के अनुसार, गुरुवार को भगवान राम के विग्रह को गर्भ गृह के आसन पर रख दिया गया। रामलला की मूर्ति को आसन पर स्थापित करने में तक़रीबन चार घंटे से ज्यादा का वक्त लगा। मंत्रोच्चार विधि कर और पूजन विधि के साथ भगवान राम के इस विग्रह को आसन पर विराजित किया गया। इस दौरान मूर्तिकार योगीराज और कई संत भी मौजूद थे। हालांकि आखिरी तौर पर 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा होगी।
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