इंडिया न्यूज, वाराणसी:
Sadhus and Saints Reached Kashi: सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण किया। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देश भर से काशी में शंकराचार्यों और संतों का अनूठा समागम देखने को मिला। हरिद्वार से आए संतों ने कहा कि अयोध्या, काशी और मथुरा में एक पूरा हो चुका है। दूसरे (काशी) की नींव आज पड़ गई है, वहीं तीसरे का मथुरा में 2024 से काम शुरू होगा।
बाबा के दर्शन के लिए अस्सीघाट से राजघाट तक बाबा के भक्तों में नागा से लेकर किन्नर साधु-संत, विदेशी पर्यटक, नेता, अधिकारी और आम आदमी हर तरह के लोग दिखे। इस भीड़ में हिंदू ही नहीं मुस्लिम, जैन मुनि और बौद्ध तथा हर धर्म और मत के लोगों में बाबा विश्वनाथ के प्रति असीम भक्ति देखने को मिली। पूरे 7 किलोमीटर के रास्तें में भक्तजन के साथ लग्जरी कारों का तांता लगा रहा।
काशी पहुंची साध्वी ऋतंभरा ने कहा है कि आज का दिन हिंदू समाज के लिए बड़ा दिन है। योगी और मोदी ने धन्य कर दिया। बाबा विश्वनाथ का इतना विहंगम दृश्य इससे पहले किसी ने सोचा भी नहीं था। दिल्ली से आए जैन धर्म के प्रतिनिधि लोकेश ने कहा कि काशी जैन संत पार्श्वनाथ की जन्मभूमि और भोलेनाथ की नगरी है। यह हमारे धर्म और समाज के लिए खासा बड़ा दिन है। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का दर्शन करने आए जैन धर्म प्रचारक कमल कुमार ने कहा है कि 250 साल के बाद आज काशी की जनता को बाबा का विराट स्वरूप मिल गया। इससे हम सब काशी वासी अभिभूत हैं।
अहमदाबाद से आए महामंडलेश्वर अखिलेश दास ने कहा है कि यह दृश्य अवर्णनीय है। काशी विश्वनाथ भगवान ऐसे ही दिखे। काशी की तंग गलियों में इस महान काम के लिए सरकार का बहुत-बहुत अभिनंदन है। बद्रीनाथ से आए महामंडलेश्वर वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा कि द्वादश शिवलिंग में से काशी विश्वनाथ अब समस्त धर्मावलंबियों का मुख्य केंद्र बनेगा। यहां पर दर्शन-पूजन में अब दुनिया भर के लोगों को काफी सहूलियत मिलने वाली है।