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Sambhal News: यूपी में बारिश से खराब धान और सरसों की फसल, किसानों ने पकडा माथा

• LAST UPDATED : September 12, 2023

India News (इंडिया न्यूज़), Sambhal News: उत्तर प्रदेश में बेमौसम बरसात के कारण गेहूं और सरसों खेतों में पकने के कगार पर खड़ी फसल को तबाह कर दिया और अब मानसूनी बारिश से धान की दुश्मन साबित हुई। धान की फसल खेतों में ही बिछ जाने के कारण उसके खराब होने की आशंका ने किसानों की धडकने बढ़ा दी हैं। सोमवार को किसानों ने अपने खेतों में जाकर देखा तो वह मायूस हो गए।

यूपी में मौसम ने एक बार फिर से करवट बदल ली है। अब लगातार हो रही बारिश से किसानों की चिंता भी बढ़ा दी है। इस बारिश ने किसानों के सपनों को चकनाचूर कर दिया है। बरसात के साथ ही चली तेज हवा ने धान की फसल को खेतों में बिछा दिया है। ऐसे में अधपके धान को खराब होने से रोकना मुश्किल होगा। बरसात इतनी हुई कि खेत लबालब पानी से भर गए हैं।

बरसात का कहर जारी

लगातार हो रही बारिश के चलते धान की बालियां ही नहीं पूरा पौधा पानी में डूब गया है। अब जबकि फसल को पानी की जरूरत नहीं थी, ऐसे में घंटों हुई बारिश बेहद घातक साबित हुई है। शनिवार की सुबह से ही बरसात ने तो रुकने का नाम ही नहीं लिया। कभी तेज तो कभी रिमझिम, यह क्रम करीब 40 घंटे तक अनवरत जारी रहा। शुक्रवार तक बेहद गर्मी से लोग परेशान थे, लेकिन अचानक से मौसम में बदलाव आ गया। बरसात के साथ ही चली तेज हवाओं ने मौसम को सर्द कर दिया। इसके साथ ही खेतों में पकने के कगार पर खड़ी धान की फसल को भी गिरा दिया

बारिश से खराब धान और सरसों की फसल

इससे पहले बेमौसम बारिश ने गेहूं और सरसों की खेतों में पकने के कगार पर खड़ी फसल को खराब किया था और अब मानसूनी बरसात धान की दुश्मन साबित हो गई। धान की फसल खेतों में ही बिछ जाने के कारण उसके खराब होने की आशंका ने किसानों की धडकने बढ़ा दी हैं। दो दिन और रात में लगातार हुई बारिश जब रूकी तो सोमवार की सुबह किसान अपने खेत में गए।

खेतों में भरा लबालब पानी

दो दिन और रात में लगातार हुई बारिश जब थमी तो सोमवार की सुबह किसानों ने अपने खेतों में जाकर देखा। पानी में डूबी फसल को देख किसान माथा पकड़ कर बैठ गए। उन्हें चिंता सता रही है कि अब धान खराब हो जाएगा। इसे खेत से खलिहान तक निकालना मुश्किल हो जाएगा। चूंकि धान के खेत की चारों ओर से मेढ़ बांधकर पानी रोका जाता है, ताकि धान में पानी भरा रहे। अब जबकि धान पकने वाला है, खेत लबालब भर गए हैं और अब धान सड़ने के आसार बढ़ गए हैं। धान काला पड़ गया तो न तो वह खाने लायक रहेगा और न ही बिक्री के लायक रहेगा।

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