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इंडिया न्यूज, लखनऊ (Uttar Pradesh) । उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। डेंगू के एक मरीज को कथित तौर पर प्लाज्मा की जगह मीठा नींबू का रस (मौसमी जूस) दिया गया। इससे उसकी मौत हो गई। एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसे एक स्थानीय पत्रकार ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है। अनजान लोगों को प्लाज्मा और मौसमी (मीठा नीबू) दोनों का रस ‘समान’ दिखता है।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने पूरे मामले का कड़ा संज्ञान लिया है। डिप्टी सीएम ने ट्वीट कर लिखा कि प्रयागराज में झलवा स्थित ग्लोबल हॉस्पिटल द्वारा डेंगू मरीज को प्लेटलेट्स की जगह मौसमी का जूस चढ़ा देने के वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए मेरे द्वारा दिये गए आदेशों के क्रम में तत्काल हॉस्पिटल को सील कर दिया गया है एवं प्लेटलेट्स पैकेट को जाँच हेतु भेजा गया है। दोषी पाए जाने पर हॉस्पिटल के विरुद्ध कठोरतम कार्यवाही की जायेगी।
सरकारी अस्पतालों में रिक्त पदों को अभिलंब भरें। योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए जो धनराशि खातों में भेजी गई है, उसे नियमानुसार सर्च करें। अगले एक सप्ताह में प्रगति रिपोर्ट दाखिल करें। आमजन का सबसे अधिक भरोसा चिकित्सक पर होता है। इस भरोसे को बरकरार रखें। समय पर अस्पताल आएं। लामा केसों पर पूरी तरह से रोक लगाएं। उत्तर प्रदेश विकास पथ पर है। स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए सरकार दृढ़ संकल्पित है। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक गुरुवार को योजना भवन के वैचारिकी कक्ष में विभागीय समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए यह निर्देश दिए।
डिप्टी सीएम ने कहा कि प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने की मुहिम तेज है। बैठक में उपस्थित अधीनस्थों से कहा कि विभिन्न कंपनियों की सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी) होती हैं। इन कंपनियों से संपर्क कर सीएसआर गतिविधियों के तहत अस्पतालों के लिए मशीनें प्राप्त करने का प्रयास करें। उन्होंने अस्पतालों में विभिन्न पदों पर भर्ती, फैकल्टी, पैरामेडिकल स्टाफ को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पतालों में एंबुलेंस का भी विशेष ध्यान रखें। अगर कोई एंबुलेंस खराब है तो उसे स्क्रैप घोषित करने की जल्दीबाजी न करें बल्कि ठीक कराने का प्रयास करें।
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने निर्देश दिए कि लामा (लेफ्ट अगेंस्ट मेडिकल एडवाइस) केस नहीं होने चाहिए। इन पर पूरी तरह से रोक लगे। चिकित्सक मरीज का स्वास्थ्य परीक्षण करने के साथ ही इलाज उपलब्ध कराना भी सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि प्रदेश के राजकीय मेडिकल कॉलेजों के बैंक अकाउंट भी खुलवाए जाएंगे। इसके लिए जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी भी ली जाएगी। समीक्षा बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री मयंकेश्वर सिंह, महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण, राजकीय मेडिकल कॉलेज व स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों के समस्त प्रधानाचार्य, निदेशक हृदय रोग संस्थान/जेके कैंसर संस्थान कानपुर मौजूद रहे।
आगरा में अस्पताल की नई बिल्डिंग अभी तक हैंडओवर न होने पर उपमुख्यमंत्री ने नाराजगी जताई। कहा की यह काम जल्द पूरा कर लिया जाए। लखीमपुर खीरी और कानपुर देहात में भी अस्पतालों की स्थापना को लेकर उचित स्थान तलाशने के निर्देश दिए।
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि सभी हॉस्पिटल ‘आयुष्मान कार्ड धारकों का इलाज यहां होता है’, यह बोर्ड अपने परिसर में जरूर लगाएं। ऐसा न करने वाले अस्पतालों पर कार्रवाई होगी।
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