सीतापुर, इंडिया न्यूज यूपी/यूके: योगी सरकार के मंत्रियों और विधायकों की सुनवाई न होने के कई मामले सामने आते रहते हैं। इस बार कारागार राज्यमंत्री सुरेश राही इस समस्या का शिकार हुए हैं। आधिकारियों के कार्रवाई न करने पर मंत्री को डीएम कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे हैं। हालांकि डीएम के मौके पर पहुंचने के बाद मंत्री धरने से उठ गए हैं। साथ ही इस दौरान उन्होंने कहा कि उन्होंने धरना नहीं दिया है,बाबा जी की सरकार में धरना नहीं देना पड़ता है,वह ग्रामीणों की समस्याओं को सुनने आए थे। बता दें कि पहले भी इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं जिसमें मंत्रियों ने अधिकारियों पर सुनवाई न करने का आरोप लगाया है।
ग्रामीण को नोटिस भेजने से नाराज हुए कारागार राज्यमंत्री सुरेश राही
एसडीएम सदर की कार्रवाई से नाराज कारागार राज्यमंत्री सुरेश राही शनिवार को डीएम कार्यालय पर धरने पर बैठ गए। उन्होंने एसडीएम सदर को हटाने की मांग रखी। धरना स्थल पर डीएम अनुज सिंह पहुंच गए। मंत्री को बुलाकर बात की और ग्रामीणों की समस्याओं के निराकरण करने की बात कही। दरअसल 170 ग्रामीणों को एसडीएम ने 107/116की नोटिस दी है। इनमें अधिकतर ग्रामीण गांव में नहीं रह रहे हैं। मंत्री ने कहा कि वह यही पूछने आए थे कि नोटिस का आधार क्या है।
डीएम ऑफिस में नहीं थे मौजूद
बता दें कि इसी मामले में राज्य मंत्री सुरेश राही सैकड़ों ग्रामीणों के साथ डीएम से मिलने पहुंचे थे। डीएम के ऑफिस में न होने पर राज्यमंत्री बाहर धरने पर बैठ गए। राज्यमंत्री के धरने पर बैठने की खबर से प्रशासन में हड़कंप मच गया। इसके बाद एसडीएम सदर अनिल कुमार ने मौके पर पहुंचकर मान मनौवल शुरू कर दी लेकिन बात नहीं बनी। कारागार राज्यमंत्री का कहना है कि पहले मामले की जांच करनी चाहिए थी उसके बाद नोटिस जारी की जाती।
राज्यमंत्री सुरेश राही ने एसपी पर लगाए मनमानी के आरोप
राज्य मंत्री ने पुलिस अधीक्षक पर भी मनमानी करने का आरोप लगाया है। उधर, जानकारी मिलते ही कलेक्ट्रेट पहुंचे डीएम अनुज सिंह ने राज्यमंत्री से बातचीत करते हुए उन्हें किसी तरह मनाया। इसके बाद राज्यमंत्री को लेकर डीएम अपने ऑफिस में चले गए। इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।