इंडिया न्यूज, बरेली:
Situation of BSP in Bareilly विधानसभा में बसपा का बेहद खराब प्रदर्शन बेहद चौकाने वाला है। बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमों मायावती ने पुराने और निष्ठावान कार्यकतार्ओं की पार्टी में वापसी का रास्ता खोल दिया है। पर यह चीज बरेली में यह थोड़ा मुश्किल नजर आ रही है। स्थानीय स्तर पर गुटबाजी का दौर अपने चरम पर है।
विधानसभा चुनाव 2007 में पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने वाली बहुजन समाज पार्टी 2022 में प्रदेश की 403 सीटों में केवल एक ही जीत सकी। बसपा का सोशल इंजीनियरिंग का फामूर्ला पूरी तरह से फेल हो गया। ब्राह्मण और मुस्लिमों के साथ ही मूल दलित वोट भी काफी कट गया।
बसपा पार्टी का जनाधार बुरी तरह से लड़खड़ा गया। अब बसपा को पुनर्जीवित करने के लिए पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने पुराने पदाधिकारियों और निष्ठावान कार्यकतार्ओं को फिर से पार्टी से जोड़ने के प्रयास शुरू किए हैं। हालांकि यह काम आसान नहीं है लेकिन, बसपा छोड़ च़ुके तमाम पदाधिकारियों की निष्ठा आज भी पार्टी के प्रति है।
बसपा के जिला सचिव रहे राजेंद्र गौतम का कहना है कि जिले तमाम ऐसे पदाधिकारी और कार्यकर्ता, जो बसपा के प्रति बेहद निष्ठावान रहे। उनको नजरंदाज किया गया। इससे वे लोग पार्टी छोड़ते गए। उनको रोकने के बजाय जिला स्तर के पदाधिकारियों ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि उनका जनाधार नहीं था। इसी वजह से पार्टी का जनाधार कम हुआ। अगर राष्ट्रीय अध्यक्ष मिशन के रूप में काम करेंगी तो जल्द बसपा फिर से सत्ता में आएगी।
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