India News (इंडिया न्यूज), Sonbhadra News: सरकार का दावा है कि हर जिले के हर घर तक नल से शुद्ध पानी पहुंच रहा है। लेकिन ये दावा सोनभद्र में हकीकत होता नजर नहीं आ रहा है। जनपद में आज भी आदिवासी समाज के लोग शुद्ध पेयजल के लिए तरस रहे हैं। पेयजल की व्यवस्था नहीं होने की वजह से ग्रामीण टैंकर पर निर्भर हैं। हालांकि ग्रामीणों का आरोप है कि टैंकर से पानी समय पर नहीं आता है। कई लोग दूर कुएं तक पानी भरने जाते है। वहीं कई ऐसे स्थान भी है जहां पर भीषण गर्मी के कारण कुएं सूख जाते है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में अभी शुद्ध पेय जल के लिए पाइपलाइन का काम नहीं पूरा हुआ है। जिस कारण लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में पाइपलाइन बिछाने का काम किया जा रहा है। लेकिन काम की गति इतनी धीमी है कि वो कब तक पूरा होगा वो कहा नहीं जा सकता है। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि काम की जांच करने आला अधिकारी कभी आते नहीं हैं। गांव वालों का आरोप है कि टैंकर से पानी पहुचाने का काम किया जा रहा है लेकिन वो भी इतना धीमे है कि कई दिनों में एक बार ही पानी आता है। आलम ये है कि पानी की कमी के कारण कई लोग कई बीमारियों से ग्रसित होकर काल के गाल में समा गए।
चिकित्सकों की माने तो जिन लोगों की मौत कुछ अनजान बीमारियों से हुई है। उनमें कई लोगों के मरने की वजह खून की कमी बताई गई है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि प्रधान के करीबियों के घर पानी पहुंच जाता है। लेकिन आदिवासी आज भी पानी के लिए तरस रहे हैं, एक तरफ सरकार दावा कर रही है कि वो हर गाव तक पानी पहुंचा रही है। लेकिन आदिवासी आज भी पानी के लिए तरस रहे है।
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