उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (SP) प्रमुख अखिलेश यादव जल्द ही एक और बड़ा फैसला ले सकते हैं। सपा प्रमुख ने चाचा शिवपाल सिंह यादव से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद पार्टी में कुछ नए बदलाव देखने को मिल सकते हैं। इन दोनों दिग्गज नेताओं और चाचा भतीजे के बीच मुलाकात के दौरान कई मुद्दों पर चर्चा की गई है।
अखिलेश यादव और चाचा शिवपाल के बीच मुलाकात के दौरान कई बातों पर चर्चा की गई। इन दोनों के बीच करीब आधे घंटे तक चर्चा होती रही। दोनों के बीच ये मुलाकात शिवपाल सिंह यादव के आवास पर की गई है। इस दौरान पार्टी समेत तमाम मुद्दों पर चर्चा करते हुए समाजवादी पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी, रामचरितमानस विवाद पर भी पार्टी का पक्ष जाना।
साथ ही ‘शूद्र’ वाले बयानों पर भी चर्चा की जानकारी मिली है। शिवपाल पहले ही कह चुके हैं कि वह संगठन के आदमी हैं और राष्ट्रीय महासचिव के नाते वह पार्टी संगठन को मजबूत बनाएगें। शिवपाल यादव को सपा में अहम जिम्मेदारी मिलने के बाद दोनों की पहली मुलाकात है।
बता दें कि सपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी का एलान किया जा चुका है। हालांकि अभी तक राष्ट्रीय कार्यकारिणी की तीन बार संसोधित लिस्ट जारी की जा चुकी है। वहीं अब जल्द ही समाजवादी पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी का भी एलान होने की संभावना है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जगह नहीं मिलने वाले नेताओं को प्रदेश कार्यकारिणी में जगह दिये जाने की बात सामने आ रही है। जिसमें सबसे पहला नाम चाचा शिवापल यादव के बेटे आदित्य यादव का सामने आ रहा है।
दरअसल राष्ट्रीय कार्यकारिणी में परिवार के छह लोगों को जगह मिली थी। लेकिन आदित्य यादव को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में कोई जगह नहीं दी गई थी। राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सपा पार्टी के प्रमुख होने के कारण अखिलेश यादव का नाम सबसे पहले था। वहीं राम गोपाल यादव को कार्यकारिणी में राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव बनाया गया था। उसके बाद चाचा शिवपाल यादव को राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया। जबकि तेज प्रताप यादव, धर्मेंद्र यादव और अक्षय यादव को सदस्य के रूप में जगह दी गई थी।