इंडिया न्यूज, लखनऊ:
Stand Of United Kisan Morcha प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कृषि कानून वापस लेने की घोषणा कर दी है। ऐसे में अब लोगों की निगाह लखनऊ पर हैं। लखनऊ में 22 नवंबर को होने वाली किसान महापंचायत में संयुक्त किसान मोर्चा अपना रूख तय करेगा।
नरेन्द्र मोदी सरकार के तीन कृषि कानून वापस लेने के बाद इनकी पर राय बनेगी। यह महापंचायत भारतीय किसान यूनियन टिकैट और किसान संयुक्त मोर्चा के तत्वाधान में होगी। इसमें भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत भी मौजूद रहेंगे। इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा शनिवार तथा रविवार को अपनी कोर कमेटी की बैठक में भविष्य की कार्रवाई तय करेगा।
किसान नेता दर्शन पाल ने बताया कि भारतीय किसान यूनियन के नेता हरनाम सिंह वर्मा का कहना है सरकार ने कृषि कानून वापस लेने की बात कही है लेकिन यह अधूरा है। जब तक किसान को सरकार का लागू किया गया फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिलता है तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि जनवरी 2022 में किसानों की आय दोगुना हो जाएगी लेकिन यह भी सपना नजर आ रहा है।
इसका फामूर्ला तक नहीं बताया गया है। इसी कारण अब तो किसानों की मांगों को लेकर जारी आंदोलन चलता रहेगा। लखनऊ में होने वाली महापंचायत को लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में जोरदार तैयारी चल रही है। बागपत, शामली, मुजफ्फरनगर, मेरठ तथा सहारनपुर में इस महापंचायत को लेकर बड़ी तैयारी चल रही है। लखनऊ में आयोजित पंचायत में किसानों के गन्ने का भुगतान, बिजली की बढ़ी दरों आदि समस्याओं पर चर्चा की जाएगी।