India News (इंडिया न्यूज), लखनऊ: 2002 ताज कॉरिडोर (Taj corridor case) मामले में बीएसपी सुप्रीमों और यूपी की पूर्व सीएम मायावती की मुश्किले बढ़ सकती है। इस मामले में मायावती के साथ 11 अन्य लोग आरोपी हैं। 175 करोड़ रुपए की कॉरिडोर मामले में सीबीआई को नेशनल प्रोजेक्ट्स कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन लिमिटेड (एनपीसीसी) के सेवानिवृत्त एजीएम महेन्द्र शर्मा के खिलाफ बीस साल बाद पहली बार अभियोजन की मंजूरी मिल गई है।अब इस पूरे मामले में 22 मई की सुनवाई होगी।
ताज कॉरिडोर मामले में 5 अक्टूबर 2002 को मामला दर्ज किया गया था। दरअसल इसमे आरोप लगे थे कि एनपीसीसी को ठेके का आवंटन किए बिना ही 17 करोड़ और 20 करोड़ की धनराशि जारी कर दी गई थी। कंपनी को वर्क आर्डर भी जारी नहीं किया गया था न ही डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) ली गई थी। इस बात का जिक्र सीबीआई द्वारा दाखिल चार्जशीट में भी कहा गया है।
इस पूरे प्रकरण में सभी 11 आरोपियों पर 420(धोखाधड़ी), 467 बहुमूल्य सुरक्षा की जालसाजी, 120 बी (आपराधिक साजिश), 468(धोखाधड़ी के लिए साजिश), 471 (जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल) के अलावा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (2) व 13(1) डी की धाराओं में केस दर्ज है।
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