होम / Varanasi: काशी-तमिल संगमम् की पूर्णाहुति नहीं, शुरुआत है- गृह मंत्री अमित शाह

Varanasi: काशी-तमिल संगमम् की पूर्णाहुति नहीं, शुरुआत है- गृह मंत्री अमित शाह

• LAST UPDATED : December 16, 2022

Varanasi

इंडिया न्यूज, वाराणसी (Uttar Pradesh): उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक महीने तक चलने वाले बीएचयू के काशी-तमिल संगमम् के समापन गृह मंत्री अमित शाह समारोह में पहुंचे। इस दौरान अमित शाह ने काशी-तमिल संगमम् समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कल्पना काशी-तमिल संगमम् की पूर्णाहुति होने जा रही है। मगर, यह पूर्णाहुति नहीं शुरुआत है। यह तमिलनाडु और काशी की महान संस्कृति, कला, दर्शन, ज्ञान के मिलन की शुरुआत है। यह प्रयास आजादी के तुरंत बाद होना चाहिए था, लेकिन काफी साल तक नहीं हुआ।

सदियों बाद देश की संस्कृतियों को जोड़ने का प्रयास
अमित शाह ने कहा कि बहुत लंबे समय हमारे देश की संस्कृतियों को जोड़ने का प्रयास नहीं हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी तमिल संगमम् के माध्यम से बहुत सदियों बाद देश की संस्कृतियों को जोड़ने का प्रयास किया है। यह प्रयास आने वाले दिनों में पूरे देश की भाषा और संस्कृतियों को जोड़ने का एक बड़ा और सफल प्रयास होगा। भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण की शुरुआत होने वाली है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि धर्मेंद्र प्रधान और निर्मला सीतारमण हमें बता रहे थे, कि तमिलनाडु से आए लोगों ने काशी के चाट का बखान कर-करके खाया। वहीं, काशी के लोगों ने भी तमिलनाडु के व्यंजनों का भरपूर आनंद लिया।

तमिल दुनिया की सबसे पुरानी भाषा
गृह मंत्री ने कहा कि इस काशी-तमिल संगमम् से भारतवासियों को यह जानकारी भी मिली है कि तमिल दुनिया की सबसे पुरानी भाषा है। तमिलनाडु के भाई-बहनों को मैं यह संदेश देना चाहता हूं, कि आइए पूरा भारत आपका स्वागत करने के लिए तैयार है। यह संगम आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, व्यापार, शिक्षा, कला, भाषा सहित सब कुछ के आदान-प्रदान का माध्यम बना है।

यह भी पढ़ें: सरकारी पैसे से लुत्फ उठाने विदेश यात्रा पर गए अधिकारी, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने की कड़ी निंदा

Connect Us Facebook | Twitter

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox