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Tram to Metro Journey : ट्राम से मेट्रो तक का सफर, कानपुर की 114 वर्षीय यात्रा

• LAST UPDATED : December 29, 2021

इंडिया न्यूज, कानपुर।

Tram to Metro Journey : जब टमटम ने कानपुर की ट्रैफिक व्यवस्था बिगाड़ी तो 114 साल पहले ट्राम आई। जब ऑटो और ई-रिक्शा मुसीबत बन गए तो अब मेट्रो आई है। ट्राम भी कानपुर वासियों के दिल को छू गई थी और मेट्रो भी अभी से लोगों के दिल में समाने लगी है। यह तय है कि आईआईटी से मोतीझील के बीच यातायात का दबाव कम होगा। लोग सुगम सफर का आनंद ले सकेंगे।

जानिए ट्राम का इतिहास और रूट (Tram to Metro Journey)

ब्रिटिश शासनकाल में वर्ष 1907 में पहली बार ट्राम चली थी। पुराना रेलवे स्टेशन से सरसैया घाट तक डबल ट्रैक बनाया गया था। इंटीग्रेटेड ट्रांसपोर्ट सिस्टम की हकीकत में शुरुआत ट्राम से ही हुई थी। यह पुराना रेलवे स्टेशन से घंटाघर, हालसी रोड, बादशाहीनाका, नई सड़क, अस्पताल रोड, कोतवाली और बड़ा चौराहा होते हुए सरसैया घाट तक जाती थी। तब भी लोगों ने ट्राम से सफर करके खूब आनंद उठाया था।

(Tram to Metro Journey)

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