इंडिया न्यूज, लखनऊ:
Underground Dustbins To Be Installed In Lucknow राजधानी अब गंदगी मुक्त होगी, जहां तहां कूडेÞ के ढेर नजर नहीं आएंगे। कूड़ाघर के ऊपर से आप निकल जाएंगे और आपको कूड़ा दिखेगा तक नहीं। खुले में कूड़ा दिखने से खराब हो रही छवि को अब नगर निगम सही करेगा। ऐसे इंतजाम किए जा रहे हैं, जिससे राह चलते किसी को गंदगी न दिखे।
अब भूमिगत बिन (कूड़ादान) लगाए जाएंगे, जिनमें सारा कूड़ा चला जाएगा। उसके ऊपर एटीएम की तरह मशीन लगी होगी। इस मशीन से ही कूड़ा किसी वाहन में लदकर चला जाएगा। खास बात यह है कि कूड़ा भरने के साथ ही जीपीएस से कंट्रोल रूम को सूचना भी मिल जाएगी, जिससे उसे खाली किया जा सकेगा।
नगर निगम में पहली बार इस योजना पर काम होने जा रहा है। फिलहाल, प्रथम चरण में चार जगहों पर यह भूमिगत बिन लगाए जाने हैं और जमीनों को चिह्नित करने का काम चल रहा है। इसमें किसी जगह पर एक बड़े क्षेत्र में गड्ढा खोदा जाएगा। उस पर कंकरीट की लेयर से मजबूत करने के साथ ही स्टील की चादर बिछाई जाएगी, जिससे कूड़े से निकलने वाला तरल पदार्थ भूजल को प्रदूषित न कर सके।
फिलहाल, विधान भवन में दो, डालीबाग के बहुखंडीय मंत्री आवास में एक और कैसरबाग में भूमिगत कूड़ा घर बनाने का काम चालू भी हो गया है और नीचे के भाग को पूरी तरह तैयार कर दिया गया है।
स्मार्ट बिन के संचालन में बिजली की जरूरत नहीं होती है और यह कांपैक्टर वाहन के हाइड्रोलिक्स पर काम करती है। भूमिगत बिन के चारों तरफ कंकरीट बंकर बनाया जाएगा। साथ ही स्टील की चादर लगाने के साथ ही पाउडर कोडिंग होगी, जिससे भूजल पर इसका कोई प्रभाव न पड़े। इसमें जीपीएस बिन लेवल सेंसर लगा होता है। कूड़ा भर जाने पर कंट्रोल रूम को उसे खाली करने की सूचना मिलेगी। इससे ओवरफ्लो की समस्या खत्म हो जाएगी।
स्मार्ट बिन डालीबाग बहुखंडीय मंत्री आवास, कैसरबाग बस अड्डा, अमीनाबाद झंडे वाला पार्क, लोक भवन, हजरतगंज, सहारा पार्क, बड़े और छोटे इमामबाड़ा के पास, गोल मार्केट महानगर, चिनहट, चारबाग रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, इंदिरानगर में नीलगिरी कांप्लेक्स, मुंशी पुलिया, भूतनाथ मार्केट, जोनल पार्क हिंदनगर, एयरपोर्ट कालोनी।
शहर साफ-सुथरा दिखे। इसके लिए भूमिगत बिन तैयार किए जा रहे हैं। इसकी खासियत यह होगी कि बड़े साइज के कूड़ेदान अभी सड़क के ऊपर होते थे, लेकिन अब उन्हें सड़क के नीचे रखा जाएगा। यह स्मार्ट बिन है, जिसके संचालन में बिजली की आवश्यकता नहीं होती है। शहर में कई जगह इसे लगाया जाना है, जिससे कूड़ा सड़कों पर नहीं दिखाई दे। -अजय कुमार द्विवेदी, नगर आयुक्त
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