UP
इंडिया न्यूज, लखनऊ (Uttar Pradesh) । उत्तर प्रदेश के विधान परिषद में मंगलवार को तदर्थ शिक्षकों को वेतन नहीं मिलने का मुद्दा उठाया गया। इस मुद्दे पर विधान परिषद में सभापति मानवेंद्र सिंह ने कहा कि तदर्थ शिक्षकों को वेतन नहीं मिल पाने का मुद्दा 3 महीने पहले भी विधान परिषद में सामने आया था। उस समय माध्यमिक शिक्षा विभाग की मंत्री ने आश्वासन दिया था कि शिक्षकों का वेतन नहीं रोका जाएगा।
विधान परिषद में मुद्दा दोबारा उठने पर सभापति मानवेंद्र सिंह ने नाराजगी जताते हुए सरकार से कहा कि सरकार सुनिश्चित कराए की शिक्षकों का वेतन मिले। आपको बता दें कि प्रतापगढ़ समेत कई जिलों की सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं में तदर्थ शिक्षकों को कई जिलों में वेतन मिलने में समस्या आ रही है।
सोशल मीडिया के जरिए वेतन की गुहार लगा रहे शिक्षक
@ShrichandSharma @myogiadityanath हे आदरणीय जिस तरह से आपकी सरकार ने तदर्थ शिक्षक समाज से तलुवे चटवाए हैं और उसके बाद भी इन शिक्षकों को अधर मे लटका रखा है ऐसा जुल्म आज तक किसी सरकार ने नही किया। किसी का वेतन रोका किसी को एक पैसा भी मेहनताना नही दिया उफ्फ़ नितान्त अमानवीय व्यवहार।
— shailendra (@shailen82660223) December 2, 2022
@myogiadityanath माननीय मुख्यमंत्री, योगी जी महाराज, सादरचरण स्पर्श 🙏 तदर्थ शिक्षक परिवार आज सात माह से विना वेतन के शिक्षण कार्य करा रहे हैं आपके आश्वासन के बाद भी अधिकारी अपनी मनमानी करके शिक्षको की पीडा को नजर अंदाज कर सरकार के आदेश को अनदेखा कर बदनाम कर रहे हैं आप संज्ञान ले
— Anand Singh (@AnandSi87224317) December 4, 2022
जून माह से नहीं मिला है वेतन
दरअसल, शासन ने एडेड कालेजों में कार्यरत वर्ष 2000 तक के शिक्षकों को विनियमित किया था। लेकिन, 1135 शिक्षक को विनियमित के नियमों में न आने से छूट गए थे। उनके लिए नियमावली में संशोधन करके विनियमित के मामले में शिक्षकों को जून माह से वेतन नहीं मिला है। इससे शिक्षक परेशान है।
तदर्थ शिक्षकों की आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है। परिवार का पालन पोषण करना पड़ रहा है। कुछ परिवार के सामने भुखमरी खड़ा हो गया है।
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