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UP Budget 2023: सदन में अखिलेश बोले आज जो बिजली बन रही है वो समाजवादियों की देन है, रामचरितमानस पर कहा- यह लड़ाई 5000 साल पुरानी। पढ़िए पूरी खबर

• LAST UPDATED : March 1, 2023

UP Budget Session 2023: इस समय प्रदेश में वित्तीय बजट 2023-24 का सत्र चल रहा है। योगी 2.0 सरकार ने करीब 6 लाख 90 हजार करोड़ से ज्यादा का बजट पेश किया। लोकसभा चुनाव 2024 को ध्‍यान में रखते हुए सरकार ने मह‍िला, युवा और क‍िसान को साधने का पूरा प्रयास किया। मंगलवार को सदन में नेता प्रतिपक्ष और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा कि “पीडब्ल्यू सबसे महत्वपूर्ण विभाग है। उसमें बजट हुआ 27,770 करोड़, खर्च हुआ 7,570 करोड़ केवल, ऐसे 1 ट्रिलियन इकॉनमी मिलेगी। सिंगल पेयर 6 लेन एलिवेटेड रोड जितनी ग़ाज़ियाबाद में बनायीं थी, रिकॉर्ड टाइम में उतनी देश में कही नही बनी थी। मैं नेता सदन से पूछना चाहता हूँ कि अगर उन्होंने 6 साल के कार्यकाल में एक भी बनायीं हो। हम पर तो बुद्धि नहीं, आप पर तो बहुत है, तो बताइए।”

आपके पास डबल इंजन, क्यूँ नहीं डिजाईन कर पाए सड़क?

उन्होंने कहा कि “आपके पास तो डबल इंजन है, आप क्यूँ नहीं डिजाईन कर पाए सड़क, आपको किसने रोका था। 6 साल के अन्दर आपने एक भी 4 लेन सड़क बनायीं हो स्टेट बजट से तो बताए। आज जो बिजली बन रही है वो समाजवादियों की देन है, भाजपा बताए कि इन्होने अपने कार्यकाल में कौनसा प्लांट बनाकर तैयार किया ? पूरे देश में मुख्यमंत्री ऑफिस का सबसे बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर यूपी में बना जो समाजवादियों ने बनाया।” JPNIC अगर अबतक बनकर तैयार हो जाता तो विज्ञान भवन से बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर होता उत्तर प्रदेश के पास।”

प्रदेश में जातीय जनगणना जरूरी- अखिलेश

अखिलेश ने साथ ही कहा “ये मेदांता हॉस्पिटल जो आप लखनऊ में देख रहे है तो वो किसी की देन है तो नेताजी और समाजवादियों की देन है। हाईटेक सिटी का कांसेप्ट, प्लानिंग नेताजी की देन है। यह लड़ाई कोई आज की नहीं है, यह लड़ाई 5000 साल पुरानी है। मैंने रामचरितमानस के बारे में नहीं पूछा था, मैंने कहा था कि नेता सदन बताए कि शूद्र क्या है। यही शूद्र अगर ढाल ना बने आपकी तो आप सत्ता में कभी नहीं आ सकते। 2011 में एसडीएम हुए वो 30 थे जिसमे मात्र 5 यादव थे। बाकी और जाति के थे, 2012 में 4 थे, 2015 में 3 थे। मैं नेता सदन से कहूँगा कि यदि सूची हो तो दें, इसीलिए कहता हूँ कि जातीय जनगणना होनी चाहिए।”

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