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UP: डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का दावा- पिछले साल के मुकाबले इस बार डेंगू कम, जांच से लेकर इलाज का पुख्ता इंतजाम

• LAST UPDATED : November 7, 2022

UP

इंडिया न्यूज, लखनऊ (Uttar Pradesh) । उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का दावा है कि डेंगू को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। जागरूकता और स्वास्थ्य विभाग के अभियान से डेंगू मच्छर धीरे-धीरे काबू में आ रहे हैं। राहत की बात यह है कि बीते वर्ष के मुकाबले इस साल डेंगू के मामलों में करीब ढाई गुना की कमी आई है। अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या भी कम है। वहीं अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था चाक चौबंद है।

यूपी में वर्ष 2021 में 25383 लोगों को डेंगू मच्छर ने अपना शिकार बनाया था। छह नवम्बर 2022 तक 8963 लोग डेंगू की चपेट में आ चुके हैं। प्रतिदिन करीब 200 लोग डेंगू से पीड़ित हो रहे हैं। पिछले साल यह आंकड़ा करीब 300 से ज्यादा था। अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या भी सीमित है।

मौत के मामले आधे से भी कम
स्वास्थ्य विभाग की लगातार कोशिशों का असर यह है कि पिछले साल के मुकाबले इस बार डेंगू मच्छर घातक भी कम है। जनवरी से अब तक 10 डेंगू मरीजों की मृत्यु हुई। वहीं पिछले साल 25 मरीजों की डेंगू ने जान ली थी। इस बार मरीजों को प्लेटलेट्स चढ़ाने की भी जरूरत कम पड़ रही है। प्लेटलेट्स की उम्र पांच दिन होती है। सरकारी अस्पतालों के ब्लड बैंकों में पर्याप्त प्लेटलेट्स उपलब्ध है। सरकारी व प्राइवेट अस्पताल में भर्ती मरीजों को जरूरत के हिसाब से प्लेटलेट्स उपलब्ध कराया जा रहा है।

डेंगू पूरी तरह से काबू में है। अस्पतालों में इलाज की चाक चौबंद व्यवस्था है। प्लेटलेट्स व खून के दूसरे जरूरी अव्यय अस्पतालों पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। सरकारी व प्राइवेट अस्पताल मिलकर डेंगू से मुकाबले के लिए मुस्तैद हैं। सरकारी अस्पतालों में डेंगू की जांच से लेकर इलाज तक की व्यवस्था पूरी तरह से फ्री है। डेंगू के लिए अस्पतालों में डॉक्टर-कर्मचारियों की टीम मुस्तैद है। डेंगू से घबरायें नहीं। साफ-सफाई पर ध्यान दें। मच्छरदानी लगाकर सोना सबसे हितकर है। घर के आस-पास जलभराव न होने दें। फागिंग व एंटीलार्वा छिड़ाव के अभियान में और तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं।
बृजेश पाठक, उप मुख्यमंत्री

ये हो सकती है वजह
जनवरी से अगस्त तक डेंगू का प्रकोप बहुत ही कम था। उसके बाद बेमौसम बारिश ने मच्छरों के पनपने को अवसर दिया। अक्टूबर में भी बारिश रुक-रुक कर हुई। जलभराव की वजह से मच्छरों को पनपने का अधिक मौका मिला है। इससे भी डेंगू मरीजों की संख्या में कुछ इजाफा हुआ।

बुखार होने पर यहां करें फोन
यदि किसी को बुखार आ रहा हो तो हेल्पलाइन नंबर 1075 पर सूचित कर सकते हैं। यह टोल फ्री नंबर है l

अब तक ये उठाये गये कदम
-सरकारी अस्पतालों में 3800 से अधिक बेड डेंगू मरीजों के लिए हैं। जरूरत पड़ने पर संख्या बढ़ाई जा सकती है
-24 घंटे डेंगू मरीजों की जांच की सुविधा
-अस्पतालों में फीवर डेस्क बनाई गई हैं
-डेंगू मरीजों के लिए भी सरकारी अस्पतालों में अलग से वार्ड बनाये गये
-डेंगू मरीजों को मच्छरदानी में भर्ती किया जा रहा है
-मरीजों के लिए बेड बढ़ाने के निर्देश
-डॉक्टर के परामर्श पर मरीजों को प्लेटलेट्स उपलब्ध कराया जा रहा है
-जांच से लेकर इलाज की व्यवस्था मुफ्त
-एंटीलार्वा का छिड़काव कराया जा रहा है
-डेंगू मरीज के घर के आस-पास 60 घरों में स्क्रीनिंग कराई जा रही है
-जल भराव की स्थिति को खत्म कराया जा रहा है
-कई सरकारी अस्पतालों में डेंगू की एलाइजा जांच की सुविधा शुरू कराई गई है
-जागरूकता अभियान चलाया जा रहे हैं।

इन जिलों में है डेंगू का ज्यादा प्रभाव
जिले डेंगू मरीज
लखनऊ 1430
प्रयागराज 1432
अयोध्या 629
गाजियाबाद 594
अलीगढ़ 210
(जनवरी से अब तक मरीजों की संख्या)

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