इंडिया न्यूज, लखनऊ:
UP Exit Poll Review यूपी विधान सभा के लिए जनादेश 10 मार्च को सामने आ जाएगा। इस बीच चर्चा एक्जिट पोल पर हो रही है। ज्यादातर सर्वे भाजपा को बहुमत से सरकार बनाते दिखा रहे हैं। वहीं सपा के लिए गठबंधन सुहाता नजर नहीं आ रहा है। हैरत की बात यह है कि बसपा अपने काडर वोट तक सिमटी नजर आई और कांग्रेस पिछले प्रदर्शन के आस पास ही नजर आ रही है। इस चुनाव में बीजेपी अपने वोट बैंक को मजबूती से अपने साथ बांधे रखने में सफल होती नजर आ रही है।
2017 का चुनाव समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था और समाजवादी पार्टी 47 सीटों के साथ मुख्य रूप से तीन प्रमुख क्षेत्रों (दोआब, रोहिलखंड और पूर्वांचल) में सिमट कर रह गई थी। इस बार समाजवादी पार्टी ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) और राष्ट्रीय लोक दल के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा और एग्जिट पोल्स के आंकड़ों को आधार बनाकर देखा जाए तो एक बार फिर से सपा गठबंधन के बावजूद सत्ता में आती नजर नहीं आ रही है। वहीं सपा के अखिलेश यादव 300 सीटें जीतने का दावा लगातार कर रहे हैं। ऐसे में इंतजार 10 मार्च का है।
एग्जिट पोल्स के मुताबिक भले ही सपा सरकार बनाती हुई नजर नहीं आ रही है लेकिन पिछले चुनाव के मुकाबले इस बारे उसकी सीटों की संख्या में जोरदार इजाफा होता हुए दिख रहा है। अगर एग्जिट पोल के नतीजे वास्तविक नतीजों से मेल खाते हैं तो सपा 2017 के मुकाबले बेहद मजबूत स्थिति में होगी। ऐसे में राजनीति के जानकारों का कहना है कि सपा की सीटेंं 2017 की तुलना में बढ़ना तय है।
सभी एग्जिट पोल का औसत देखा जाए तो यूपी में बहुजन समाज पार्टी लगातार कमजोर होती नजर आ रही है। सीटों के आधार पर देखा जाए तो यूपी में इस बार बसपा को 13-21 सीटें मिलने का अनुमान लगाया है, जो राज्य की राजनीति में बीएसपी के कमजोर होने की तरफ इशारा कर रहा है।
एग्जिट पोल्स के रुझानों को मिलाकर देखा जाए तो उत्तर प्रदेश में कांग्रेस अपने पुराने प्रदर्शन के आस-पास सिमटती हुई नजर आ रही है। रुझानों के मुताबिक राज्य में इस बार कांग्रेस को करीब 7 से 9 सीटें मिलने का अनुमान है, जो पिछले चुनाव में कांग्रेस को मिली 7 सीटों के आस-पास का आंकड़ा है।