India News UP (इंडिया न्यूज़), UP: आपने कभी सोचा है कि जो महिलाएं जेल में बंद होने के साथ गर्भवती होती हैं। उनके बच्चे का प्रसव कैसा कराया जाता है। उनकी देखभाल कौन करता है? साथ ही किस उम्र तक बच्चा अपने मां के साथ जेल में रह सकता है? आईए इन सभी प्रश्न का उत्तर ढूंढते हैं।
झांसी जिला जेल के अधीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि अगर कोई महिला जेल में गर्भवती होती है, तो उसकी प्रसव की सारी जिम्मेदारी जेल प्रशासन का होता है। बच्चे का बर्थ सर्टिफिकेट बनवाने की जिम्मेदारी भी जिला प्रशासन को होता है। अगर कोई महिला के साथ छोटा बच्चा होता हैं तो बच्चे को माता के साथ रहने की अनुमति दी जाती है। बशर्ते उस बच्चे की उम्र 6 साल से ज्यादा न हो। उन बच्चों का पालन पोषण और शिक्षा की जिम्मेदारी जेल प्रशासन उठाता है।
जेल अधीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि बच्चों की उम्र के अनुसार जेल प्रशासन उस बच्चे का दाखिला कराया है।बच्चे की संख्या ज्यादा हो जाने के बाद टीचर को जेल परिसर में ही बुलाया जाता है। बच्चों के खेलने कूदने से लेकर सर्वांगीण विकास की सारी व्यवस्था जेल में होती है। इस बात का पूरा ध्यान रखा जाता है कि मां की मिलने वाली सजा का असर उसके बच्चे पर न पड़े।