इंडिया न्यूज, लखनऊ:
UP government plan यूपी सरकार की योजना के तहत अब तालाबों को अतिक्रमण से मुक्त कराना आसान होगा। तालाबों के अतिक्रमण पर अब शासन-प्रशासन के साथ कोर्ट की भी पैनी निगाह होगी। उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद इसके लिए तालाबों का गाटावार विवरण पोर्टल पर आनलाइन जुटा रहा है।
ऐसा पहली बार हो रहा है कि जब तालाबों की गाटावार स्थिति का आकलन कर उसे राजस्व परिषद की वेबसाइट पर विकसित पोर्टल पर दर्ज किया जा रहा है। तालाबों के अतिक्रमण की समस्त सूचना इस पोर्टल पर दर्ज होने के बाद इसे एंटी भू-माफिया पोर्टल से जोड़ा जाएगा ताकि अवैध कब्जे के खिलाफ जिला स्तरीय टास्क फोर्स की ओर से की गई कार्रवाई की निगरानी की जा सके।
तालाबों पर अतिक्रमण के बारे में जिलाधिकारियों की ओर से अभी तक वर्ष 1952 के अभिलेखों में दर्ज तालाबों और वर्तमान में अतिक्रमित जलाशयों की संख्या भेजी जाती थी। इससे तालाबों पर अतिक्रमण की वास्तविक स्थिति पता नहीं चल पाती थी। हाई कोर्ट के आदेश पर अब जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे फसली वर्ष 1359 (वर्ष 1952) में अभिलेखों में दर्ज तालाबों, झीलों व अन्य जलाशयों की गाटा संख्या, उनका क्षेत्रफल और स्थिति के बारे में सूचना फीड कराई जा रही है।
वर्तमान में अतिक्रमण का शिकार हुए तालाबों की गाटा संख्या और उनके क्षेत्रफल का विवरण भी दर्ज किया जा रहा है। ऐसे तालाबों का कितना हिस्सा अतिक्रमित है और कितना कब्जे से मुक्त कराया गया है, इसकी जानकारी भी जुटाई जा रही है। सभी तालाबों के फोटो भी पोर्टल पर अपलोड किए जा रहे हैं।
इससे यह पता चल सकेगा कि कितने तालाबों का अस्तित्व समाप्त हो चुका है। यह भी मालूम हो सकेगा कि जो तालाब अवैध कब्जे का शिकार हैं, उनका कितना हिस्सा अतिक्रमित हैं और कितना खाली।
Also read Durg Express Became Burning Train उधमपुर से छत्तीसगढ़ जा रही ट्रेन में लगी आग
Also read CM Yogi said :देश में नजीर बनी उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था
Also read Finance Minister Nirmala Sitharaman : यूपी के टैक्स कलेक्शन सिस्टम को सराहा