UP News: यूपी के रायबरेली(Rae Bareli) जिले में एक रेप पीड़िता की सरकारी सहायता राशि हड़पने का मामला सामने आया है। जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला प्रोवेशन कार्यालय के बाबू औऱ बैंक प्रबंधक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। शुरुआती चर्चाओं में शक के दायरे में रहे ज़िला प्रोबेशन अधिकारी जयपाल वर्मा की जांच के दौरान इस पूरे मामले में कहीं भी संलिप्तता सामने नहीं आई है।
दरअसल, ये मामला 2016 का है। रायबरेली जिले के खीरों की रहने वाली एक रेप पीड़िता की तीन लाख रुपये रानी लक्ष्मीबाई महिला सम्मान एवं बाल कोष योजना के तहत मंजूर हुए थे। इस धनराशि को जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय में तैनात संविदा कर्मी राजेश श्रीवास्तव ने धोखाधड़ी से अपने खाते में ट्रांसफर करा लिया। राजेश श्रीवास्तव ने बैंक में धनराशि आने के बाद प्रबंधक को चिट्ठी दी थी। चिट्ठी में ज़िला प्रोबेशन अधिकारी के फ़र्ज़ी सिग्नेचर बनाकर विनती किया था कि वो धनराशि ग़लती से उनके पास चली गई थी इसलिए इसे वापस किया जाए। प्रबंधक ने उस तीन लाख रूपये की धनराशि को ड्राफ्ट के माध्यम से वापस तो ज़िला प्रोबेशन अधिकारी को कर दिया।
लेकिन वह धन राजेश श्रीवास्तव के निजी अकाउंट में ट्रांसफर हो गया। बाद में पीड़िता को कहीं से जानकारी हुई तो उसने ज़िलाधिकारी माला श्रीवास्तव से शिकायत की थी। शिकायत के बाद जांच हुई तो संविदा कर्मी राजेश श्रीवास्तव सीधे तौर पर दोषी नज़र आया जबकि बैंक ऑफ महाराष्ट के प्रबंधक की भूमिका संदिग्ध पाये जाने पर शहर कोतवाली में ज़िला प्रोबेशन अधिकारी जयपाल वर्मा की शिकायत पर दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया है। शुरुआती चर्चाओं में शक के दायरे में रहे ज़िला प्रोबेशन अधिकारी जयपाल वर्मा की जांच के दौरान इस पूरे मामले में कहीं भी संलिप्तता सामने नहीं आई है।
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