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UP News: अखिलेश के बुरे वक्त में इमरान मसूद ने छोड़ा सपा का साथ, मायावती से मुलाकात कर बसपा में हुए शामिल

• LAST UPDATED : October 20, 2022

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इंडिया न्यूज यूपी/यूके, लखनऊ: सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के दुख के समय में इमरान मसूद ने सपा का साथ छोड़ दिया। विधानसभा 2022 चुनाव से पहले सपा का दामन थामने वाले इमारान सपा के खराब समय में बसपा पार्टी में शामिल हो गए हैं। बुधवार को मायावती से मुलाकात कर उन्होंने बसपा पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है।

प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले इमरान मसूद ने कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव तथा दिल्ली राज्य प्रभारी का ओहदा छोड़कर सपा की सदस्‍यता ली थी। उन्‍हें उम्‍मीद थी कि सूबे में सपा की सरकार बनेगी, लेकिन ऐसा हो न सका। इमरान मसूद को सपा ने जिले की किसी विधानसभा सीट से टिकट नहीं दिया, यहां तक कि उनके करीबियों को भी टिकट नहीं मिला। इमरान जिद पर अड़े तो रागिब अंजुम को सपा जिलाध्यक्ष बनाकर उन्हें संतुष्ट करने का प्रयास किया गया। उप्र में समाजवादी पार्टी सत्ता तक नहीं पहुंची, वहीं इमरान मसूद पार्टी में हाशिए पर खड़े रह गए। इस उपेक्षा की तड़प कई बार उनके राजनीतिक बयानों में उभरती रही। ऐसे हालात में अब उन्‍होंने बसपा का दामन थाम लिया है।

सपा की दुख की घड़ी में इमरान ने छोड़ा साथ
बता दें कि हाल ही में सपा संरक्षक मुलायम सिंह का निधन हुआ है। पूरा सपा परिवार सैफई में मौजूद है। नेता जी जाने के दुख से परिवार अभी उभर भी नहीं पाया है। बुधनार को अखिलेश यादव नें नेता जी की अस्थियों को प्रयागराज में विसर्जित किया है। ओर दूसरी तरफ उनकी पार्टी के नेता इमरान ने पार्टी का साथ छोड़ दिया।

लोकसभा चुनाव में मिली थी हार
विधानसभा व लोकसभा चुनावों में मिली हार 2012 विधानसभा चुनाव से पहले ही इमरान मसूद सपा से कांग्रेस में शामिल हो गए और नकुड सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में डॉक्टर धर्म सिंह सैनी के खिलाफ चुनाव लड़ा। जिसमें उन्हें हार मिली।

इमरान ने साल 2014 में लोकसभा का चुनाव लड़ा, लेकिन भाजपा के राघव लखन पाल को हरा नहीं पाए। 2017 में सपा और कांग्रेस का गठबंधन होने के बावजूद इमरान मसूद नकुड विधानसभा क्षेत्र से धर्म सिंह सैनी से नजदीकी मुकाबले में हार गए थे।

2019 लोकसभा चुनाव में सपा, रालोद और बसपा का गठबंधन था. समीकरणों के हिसाब से मुस्लिम मतदाताओं में गठबंधन की लहर थी, लेकिन इसमें भी इमरान को हार का सामना करना पड़ा था। अब इमरान बसपा में जाकर अपनी राजनीतिक पारी खेलेंगे। इससे निकाय चुनाव को लेकर राजनीति के प्रभावित होने के कयास लगाए जा रहे हैं।

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