लखनऊ, इंडिया न्यूज यूपी/यूके: राजधानी में सोमवार को विधानसभा सत्र का पहला दिन काफी हंगामेदार रहा। सड़क से लेकर सदन तक हंगामा देखने को मिला। बीते रविवार को ही सपा की तरफ से विधायकों के पैदल मार्च की घोषणा कर दी गई थी। अखिलेश यादव ने विधायकों के साथ पैदल मार्च किया। इसके बाद पुलिस के रोके जाने पर धरने पर भी बैठे। हालांकि कुछ देर बाद अखिलेश यादव धरना खत्म कर वापस पार्टी कार्यालय के लिए रवाना हो गए।
सड़क पर हुआ जमकर हंगामा
सोमवार सुबह से ही सपा कार्यालय के बाहर हलचल बढ़ गई। विधायकों के आने-जाने का सिलसिला शुरू हो गया। बाद में अखिलेश यादव भी पार्टी कार्यालय पहुंच गए। करीब 10.30 बजे अखिलेश यादव ने विधायकों के साथ पैदल मार्च शुरू किया। इस दौरान सड़क पर काफी हंगामा देखने को मिला। सपा नेता व कार्यकर्ता विधानभवन की तरफ बढ़ रहे थे कि उन्हें रास्ते में ही रोक लिया गया। जिस पर नाराज होकर अखिलेश यादव अपने विधायकों व कार्यकर्ताओं के साथ सड़क पर ही धरने पर बैठ गए।
विधानसभा सत्र से पहले सीएम योगी ने मीडिया को संबोधित
वहीं इसी दौरान विधानसभा सत्र की शुरुआत हो गई। इसके पहले मीडिया को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। जनता को इस सत्र से बड़ी उम्मीदें हैं। सत्र के पहले दिन सभी सदस्यों ने पूर्व विधायक अरविंद गिरी के निधन पर शोक व्यक्त किया। सपा ने धरना स्थल पर ही शोक व्यक्त किया।
सपाइयों ने सड़क पर लगाए वंदे मातरम के नारे
रास्ते में ही रोके जाने से नाराज सपाइयों ने सड़क पर ही वंदे मातरम के नारे लगाए और विधायक अरविंद गिरी के निधन पर शोक व्यक्त किया। इसके बाद धरना खत्म कर सभी सपा कार्यालय लौट गए। मार्च के दौरान रूट बदलने से सपाई नाराज हो गए थे और पहले से तयशुदा मार्ग पर आगे बढ़ने की अनुमति मांग रहे थे। अखिलेश यादव ने कहा यदि रोकना था तो कल परमिशन क्यों दी? प्रशासन का कहना था कि जीपीओ के बजाय वीवीआईपी गेस्ट हाउस और एनेक्सी होते हुए विधानसभा जाएं। इस पर अखिलेश यादव व सपा विधायक सड़क पर ही धरने पर बैठ गए।
इन मुद्दों पर सपाइयों ने निकाली पद यात्रा
सपा ने बढ़ती महंगाई, किसानों की समस्याओं और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर राज्य सरकार के विरोध में इस पदयात्रा का आयोजन किया था। पदयात्रा को लेकर विक्रमादित्य मार्ग को छावनी बना दिया गया। वीवीआईपी चौराहा से लेकर सपा कार्यालय तक बैरिकेडिंग कर भारी संख्या में फोर्स लगा दी गई। इस रास्ते पर आम लोगों का आवागमन बंद कर दिया गया।