India News UP (इंडिया न्यूज ),UP News: भदोही में 18 दिन पहले गोलीकांड में एक व्यक्ति की हत्या हुई थी और दो लोग घायल हुए थे। इस सनसनीखेज मामले में 14 लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया गया था लेकिन जब पुलिस ने पूरे मामले की तहकीकात की तो पुलिस को पता चला हत्यारोपी स्वयं पीड़ित बनकर पुलिस को गुमराह रहे थे। एक साल पूर्व गांव में हुई हत्या के मामले में जेल में बंद अपने परिजनों को लाभ पहुंचाने और विरोधियों को फंसा कर सुलह कराने के उद्देश्य से यह षड्यंत्र रचा गया था।
ज्ञानपुर कोतवाली क्षेत्र के हरिहरपुर शुकुलपुर गांव में बीती 30 मई की रात को गोलीकांड को अंजाम दिया गया था। इस घटना में शेषधर शुक्ला की मौत हो गई थी। जबकि राकेश शुक्ला और अनीश शुक्ला घायल हुए थे। जिनको इलाज के लिए वाराणसी रेफर किया गया था।
मामले में कल 14 लोगों पर हत्या सहित अन्य गंभीर धाराओं में केस दर्ज कराया गया था। लेकिन जब क्राइम ब्रांच की टीम ने मामले की जांच पड़ताल शुरू की तो पता लगा कि जिन लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया गया है उनका तो इस गोली कांड में कोई हाथ ही नहीं है। पिछले वर्ष हुई एक हत्या के मामले में जेल में बंद परिजनों को लाभ पहुंचाने और सुलह कराने के उद्देश्य से यह खूनी षड्यंत्र घायल व्यक्ति के भाई और मृतक की नाती के द्वारा रचा गया था।
इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य और तमाम अन्य बिंदुओं पर लगातार जांच कर रही पुलिस ने पाया कि राकेश शुक्ला नाम का जो व्यक्ति इस गोलीकांड में घायल हुआ है। उसने अपने भाई मिथलेश शुक्ला और मृतक के नाती अनीश शुक्ला के साथ मिलकर कई दिन पहले ऐसी साजिश रची थी कि अगर गोली चलने पर कई लोग घायल होते हैं, तो एक साल पूर्व हत्या के मुकदमे में उनके जो परिजन जेल में बंद है उनको लाभ पहुंचाने और सुलह कराने के लिए विरोधियों पर दबाव बनाया जा सकता है।
जिसके लिए अजय कुमार पांडे नाम के आरोपी को गोली चलाने के लिए पैसे दिए गए और रात में गोलियां चली लेकिन इस गोली कांड में शेषधर शुक्ला की मौत हो गई और दो लोग घायल हो गए इसके बाद तथाकथित पीड़ित बनकर मिथिलेश शुक्ला ने अपने विरोधियों पर मुकदमा दर्ज कराया। लेकिन पुलिस की जांच में सच सामने निकल कर आ गया और पुलिस ने मिथिलेश शुक्ला, अनीश शुक्ला और विशाल पांडे नाम के आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है जबकि राकेश शुक्ला और अजय कुमार पांडे जो इस गोलीकांड में शामिल थे उनकी पुलिस तलाश कर रही है।