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UP News: अंधों के दर्द को समझ कर यूपी की इन दो छात्राओं ने मात्र 1500 रुपए में किया नया आविष्कार,जानें क्या है वो चीज

• LAST UPDATED : February 26, 2023

 UP News: कहते हैं कभी-कभी कोई घटना या दुर्घटना आविष्कार का कारण बनती है। जैसे जेम्स वाट ने केतली के ढक्कन को उठते हुए देखकर स्टीम इंजन बना डाला। ठीक वैसे ही वैसे ही उत्तर प्रदेश के अमेठी में स्थित राजकीय महिला पॉलिटेक्निक की दो छात्राओं ने मिलकर अंधों के लिए एक छड़ी बनाई है। इसकी खूबी ये है कि यह स्टिक सेंसर की मदद से काम करती है। जो आने वाले समय में विकलांगों के लिए मील का पत्थर साबित होगी।

खबर में खास:

  • सेंसर-रेडी ब्लाइंड छड़ी किसी भी अप्रिय घटना से पहले तुरंत करेगी अलर्ट
  • सेंसर छड़ी बनाने वाली छात्राएं किसान परिवार से रखती हैं ताल्लुक
  • मात्र 1500 रुपए में बनाई गई ब्लाइंड स्टिक सेंसर-रेडी ब्लाइंड छड़ी किसी भी अप्रिय घटना से पहले तुरंत करेगी अलर्ट   

यह उपकरण दिव्यांगों को दुर्घटनाओं से बचाने में मदद करेगा और यह छड़ी उनके लिए एक वरदान साबित होगी। जब भी इस स्टिक के सामने कोई भारी वस्तु आती है। तो स्टिक पर एक अलार्म बजने लगता है जिसके बाद आंखों से दिव्यांग या जो भी उस लाठी का इस्तेमाल कर रहा है वो सावधान हो जाएगा। अमेठी के सुल्तानपुर रोड़ स्थित राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज में इलेक्ट्रॉनिक्स फाइनल ईयर की छात्रा साक्षी तिवारी और रुचि वर्मा दोनों आपस में दोस्त हैं। दो दोस्त ने मिलकर आंखों से दिव्यांग व्यक्तियों के लिए छड़ी विकसित की है। जो कि सेंसर-रेडी ब्लाइंड स्टिक किसी भी अप्रिय घटना के बारे में छड़ी का इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति को  तुरंत अलर्ट करेगी और विकलांगों को दुर्घटनाओं से बचने में मदद करेगी।

सेंसर छड़ी बनाने वाली छात्राएं किसान परिवार से रखती हैं ताल्लुक

बता दें कि यह छड़ी कई छोटे-छोटे उपकरणों को जोड़कर बनाई गई है और यह छड़ी आंखों से दिव्यांग व्यक्तियों के लिए बहुत उपयोगी है। अक्सर देखा जाता है कि दिव्यांग लोग सड़क पर चलते समय दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं और कई बार उनके साथ गंभीर घटना भी घटित हो जाती है। ऐसे दिव्यांग व्यक्तियों को बचाने के उद्देश्य से भी यह उपकरण बहुत उपयोगी है। अमेठी के राजकीय महिला पॉलीटेक्निक में पढ़ने वाली होनहार छात्रा रुचि और साक्षी किसान परिवार से ताल्लुक रखती हैं। दोनों अपने परिवार और पिता के सपने को साकार करने के लिए कुछ करना चाहती हैं। इसी मकसद से उन्होंने यह कदम उठाया है।

मात्र 1500 रुपए में बनाई गई ब्लाइंड स्टिक

नेत्रहीन व्यक्तियों के लिए छड़ी बनाने वाली छात्रा साक्षी तिवारी ने बताया कि एक दिव्यांग व्यक्ति की समस्या को देखकर अंधी छड़ी बनाई है। हमारा एक ही मकसद है कि अगर कोई ऐसी जगह है जहां दिव्यांगों को खतरा है तो इस उपकरण से उन्हें मदद मिल सके। इस उपकरण को बनाने में 1500 रुपए खर्च किए गए हैं। इसकी पहुंच का विस्तार करने के अलावा, हम कीमत को और कम करने के लिए काम कर रहे हैं ताकि नेत्रहीनों के लिए यह आसानी से उपलब्ध हो सके। वहीं पर कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप सिंह ने बताया कि इन छात्राओं के द्वारा बनाई गई इस स्टिक को सबसे पहले हम 25 नेत्रहीन दिव्यांग व्यक्तियों को अपने संस्थान की ओर से डोनेट करेंगे।

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