India News UP(इंडिया न्यूज़),UP News: महोबा जिले में भी मन्दिर धोने की सियासत देखने को मिली है। इस सियासत में भाजपा प्रत्याशी के सामने बसपा प्रत्याशी खुलकर आ गए हैं। बीते दिनों भाजपा प्रत्याशी पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल के परिवार में मौत के बाद परशुराम मंदिर में पूजा अर्चना करने पर ब्राह्मण समाज के युवाओं में नाराजगी देखने को मिली थी।जिसके बाद मन्दिर की शुद्धता को लेकर आज ब्राह्मण समाज के युवकों के साथ बीएसपी प्रत्याशी निर्दोष दीक्षित ने भगवान परशुराम के मंदिर को गंगा जल से धोया और भगवान परशुराम की प्रतिमा का गंगा जल से अभिषेक किया। बीएसपी प्रत्याशी द्वारा मंदिर धोने के इस मामले के बाद से हमीरपुर लोकसभा सीट पर राजनैतिक सियासत तेज़ हो गई है।
आपकों बता दें कि हमीरपुर लोकसभा सीट पर दो बार के भाजपा सांसद और प्रत्याशी पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल भगवान परशुराम जयंती समारोह में जिले के एकत्र हुए हजारों ब्राह्मणों के बीच पहुंचे थे। इस दौरान उन्होने जयंती के मौके पर भगवान की आरती पूजन कार्यक्रम में भाग लिया था। सांसद द्वारा भगवान परशुराम के मंदिर ने पूजा आरती करते वीडियो फोटो सोशल मीडिया में भी वायरल है। जिसके बाद ब्राह्मण समाज के युवाओं को सूचना मिली की सांसद के परिवार में मौत हो जाने के बाद अब तक शुद्धता तक नही हुईं और सांसद मन्दिरों और धार्मिक कार्यकर्मों में भाग ले रहे है।
बिना शुद्धता के मंदिर में पूजा करने से नाराजगी खुलकर सामने आ गई तो वहीं विपक्ष ने भी इसे राजनैतिक हवा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। एक तरफ जहां इसको लेकर ब्राह्मण समाज के युवाओं में नाराजगी देखने को मिली तो वहीं बीएसपी के प्रत्याशी निर्दोष दीक्षित ने भी इस मामले को हवा देने से गुरेज नहीं किया। सांसद के परिवार में बीती 16 मई को तेहरवी होने के बाद ब्राह्मण समाज के नवयुवकों ने भगवान परशुराम के मंदिर और प्रतिमा की शुद्धिकरण कार्यक्रम का ऐलान किया था।
ब्राह्मण युवकों के आवाहन के बीच बसपा प्रत्याशी निर्दोष दीक्षित पहुंच गए। उन्होने ब्राह्मण युवकों के साथ मंदिर को गंगा जल से धोया इसके बाद भगवान परशुराम का गंगा जल से अभिषेक किया और पूजा अर्चना की गई। मंदिर को शुद्ध और पवित्र करने की बात कहने वाले ब्राह्मण युवक मनीष त्रिपाठी ने बताया कि उसने बीएसपी प्रत्याशी निर्दोष दीक्षित सहित अन्य ब्राह्मण युवाओं ने मंदिर को गंगा जल से धोकर पवित्र किया है क्योंकि बिना शुद्धता के सांसद पुष्पेंद्र सिंह चंदेल द्वारा मंदिर में पूजा करने से हम सबकी न केवल भावनाएं आहत हुई है बल्कि मंदिर भी अपवित्र हुआ है इसलिए मन्दिर की पवित्रता बनाए रखने के लिए शुद्धिकरण करना पड़ा।
आपको बता दें कि इसको लेकर जब हमने बुंदेलखंड के चर्चित कथावाचक वेदांत शास्त्री जी महाराज से धर्म और सनातन की नजर से इस मामले को जानना चाहा तो उन्होंने बताया कि हिंदू धर्म संस्कृति के अनुसार सूतक काल में कोई भी पूजा पाठ वर्जित है। भूमि पूजन विवाह धार्मिक कार्यक्रम नही होता है। सूतक काल में नकारात्मक शक्तियां प्रबल हो जाती है। किसी के यहां कोई मौत हो जाने पर 13 दिन तक सनातन धर्म के अनुसार मंदिर नही जाना चाहिए और यदि गए तो भी मन की शांति के लिए मंदिर को गंगा जल से धोकर पवित्र किया जाता है।
बहरहाल मंदिर धोने की सियासत से किस प्रत्याशी को नफा- नुकसान होता है ये तो समय तय करेगा लेकिन इतना तो साफ है कि कन्नौज में अखिलेश यादव के मंदिर जाने पर मंदिर धोने की हुई सियासत अब बुंदेलखंड में बीजेपी प्रत्याशी के लिए भी मुसीबत बन गई है।
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