India News (इंडिया न्यूज), UP Politics: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान आज राजधानी लखनऊ में थे। दोनों ने यहां पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की। केंद्र द्वारा लाए गए अध्यादेश के खिलाफ सीएम केजरीवाल जन समर्थन जुटाने में लगे है। इस कड़ी में ही उन्होंने यहां पर अखिलेश यादव से मुलाकात की। इस मुलाकात को लेकर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट करते हुए हुए दिल्ली के सीएम केजरीवाल पर हमला बोला है।
दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए यूपी के डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने कहा कि “दिल्ली में शराब बहाने के बाद श्री अरविंद केजरीवाल जी अब उन नेताओं को परिक्रमा कर रहे हैं जिनको अपनी राजनीति शुरू करने पर कभी भ्रष्ट-महाभ्रष्ट कहा था। केजरीवाल एक दोलन की तरह शराब और ऐसे नेताओं के बीच झूल रहे हैं जो उनके मूल चरित्र को दर्शाता है।”
दिल्ली में शराब बहाने के बाद श्री अरविंद केजरीवाल जी अब उन नेताओं को परिक्रमा कर रहे हैं जिनको अपनी राजनीति शुरू करने पर कभी भ्रष्ट-महाभ्रष्ट कहा था। केजरीवाल एक दोलन की तरह शराब और ऐसे नेताओं के बीच झूल रहे हैं जो उनके मूल चरित्र को दर्शाता है।
— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) June 7, 2023
राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आप द्वारा समर्थन जुटाने के प्रयासों के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज (बुधवार) को लखनऊ में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात करने पहुंचे। दिल्ली सीएम के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ दिखे। कल शाम सीएम केजरीवाल ने इस बात की जानकारी ट्वीट कर के दी थी।
केंद्र ने 19 मई को दिल्ली में ग्रुप-ए के अधिकारियों के तबादले और पोस्टिंग के लिए एक प्राधिकरण बनाने के लिए अध्यादेश जारी किया था, जिसे आप सरकार ने सेवाओं के नियंत्रण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ धोखा बताया था। सुप्रीम कोर्ट द्वारा पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि को छोड़कर दिल्ली में सेवाओं का नियंत्रण निर्वाचित सरकार को सौंपे जाने के एक सप्ताह बाद यह अध्यादेश आया। यह DANICS कैडर के ग्रुप-ए अधिकारियों के स्थानांतरण और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए एक राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण स्थापित करना चाहता है। शीर्ष अदालत के 11 मई के फैसले से पहले दिल्ली सरकार के सभी अधिकारियों के स्थानांतरण और पोस्टिंग लेफ्टिनेंट गवर्नर के कार्यकारी नियंत्रण में थे।
Also Read: