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UP POLITICS: मायावती ने “रामचरितमानस” विवाद पर कहा कि, नाटकबाजी करती है पार्टियाँ

• LAST UPDATED : February 3, 2023

UP POLITICS: उत्तर प्रदेश में रामचरितमानस को लेकर नेताओं में लगातार बयान बाजी चल रही है। कुछ दिन पहले समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के ‘शूद्र’ पर बयान दिया जिसके बाद सियासी घमासान मचा हुआ है। अखिलेश यादव ने विधानसभा में सीएम योगी आदित्यनाथ से ‘शूद्र’ पर सवाल पूछने की बात कही थी। जिसका जवाब सीएम योगी ने दिया था। इसी बीच बीएसपी प्रमुख मायावती ने भी इसपर प्रतिक्रिया जताई है।

उपेक्षित वर्गों के लिए रामचरितमानस नहीं भारतीय संविधान है

इस पर शुक्रवार को मायावती ने कहा, “देश में कमजोर व उपेक्षित वर्गों का रामचरितमानस व मनुस्मृति आदि ग्रंथ नहीं बल्कि भारतीय संविधान है। जिसमें बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने इनको शूद्रों की नहीं बल्कि एससी, एसटी व ओबीसी की संज्ञा दी है। अतः इन्हें शूद्र कहकर सपा इनका अपमान न करे तथा न ही संविधान की अवहेलना करे।”

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बीजेपी के साथ सपा पर भी साधा निशाना

ट्वीट कर कहा, “इतना ही नहीं, देश के अन्य राज्यों की तरह यूपी में भी दलितों, आदिवासियों व ओबीसी समाज के शोषण, अन्याय, नाइन्साफी तथा इन वर्गों में जन्मे महान संतों, गुरुओं व महापुरुषों आदि की उपेक्षा एवं तिरस्कार के मामले में कांग्रेस, भाजपा व समाजवादी पार्टी भी कोई किसी से कम नहीं।”

सपा पर किया हमला

मायावती ने कहा, “साथ ही, सपा प्रमुख द्वारा इनकी वकालत करने से पहले उन्हें लखनऊ स्टेट गेस्ट हाउस के दिनांक 2 जून सन् 1995 की घटना को भी याद कर अपने गिरेबान में जरूर झाँककर देखना चाहिए, जब सीएम बनने जा रही एक दलित की बेटी पर सपा सरकार में जानलेवा हमला कराया गया था।”

नाटकबाजी करती है पार्टियाँ

ट्वीट कर कहा, “वैसे भी यह जगज़ाहिर है कि देश में एससी, एसटी, ओबीसी, मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों आदि के आत्म-सम्मान एवं स्वाभिमान की क़द्र बीएसपी में ही हमेशा से निहित व सुरक्षित है, जबकि बाकी पार्टियाँ इनके वोटों के स्वार्थ की खातिर किस्म-किस्म की नाटकबाजी ही ज्यादा करती रहती हैं।”

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