UP POLITICS: (On the special occasion of Guru Ravidas Jayanti, Mayawati said a simple target on BJP, do not do the work of bowing down): मायावती ने गुरु रविदास जयंती के खास अवसर पर बीजेपी पर साधा निशाना
गुरु रविदास मध्यकाल में एक भारतीय संत थे। जिन्होंने जात-पात के अन्त विरोध में कार्य किया। इन्हें सतगुरु अथवा जगतगुरु की उपाधि भी दी जाती है। इन्होने रैदासिया अथवा रविदासिया पंथ की स्थापना की और इनके रचे गये कुछ भजन सिख लोगों के पवित्र ग्रंथ गुरुग्रंथ साहिब में भी शामिल हैं। आज संतगुरु रविदास जयंती है।
“सभी लोगों को ’मन चंगा तो कठौती में गंगा’ का अमर अध्यात्मिक संदेश देने वाले महान संतगुरु रविदास जी की जयन्ती पर उन्हें शत्-शत् नमन व श्रद्धा सुमन अर्पित तथा देश एवं दुनिया में रहने वाले उनके समस्त अनुयाइयों को मेरी व बी.एस.पी की ओर से भी हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें।”
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“शासक वर्ग भी संतगुरु रविदास जी को अपने संकीर्ण राजनीतिक स्वार्थ की ख़ातिर केवल उनको माथा टेकने का कार्य न करे, बल्कि साथ ही, उनके गरीब व दुःखी-पीड़ित अनुयाइयों के हित, कल्याण एवं उनकी भावनाओं का भी ख़ास ख़्याल रखे, यही उनको सच्ची श्रद्धांजलि।’
2. शासक वर्ग भी संतगुरु रविदास जी को अपने संकीर्ण राजनीतिक स्वार्थ की ख़ातिर केवल उनको माथा टेकने का कार्य न करे, बल्कि साथ ही, उनके गरीब व दुःखी-पीड़ित अनुयाइयों के हित, कल्याण एवं उनकी भावनाओं का भी ख़ास ख़्याल रखे, यही उनको सच्ची श्रद्धांजलि। 2/2
— Mayawati (@Mayawati) February 5, 2023
गुरू रविदास (रैदास) का जन्म काशी में माघ पूर्णिमा दिन रविवार को संवत 1398 को हुआ था। उनके पिता संतोख दास तथा माता का नाम कलसांं देवी था। उनकी पत्नी का नाम लोना देवी बताया जाता है। रैदास ने साधु-सन्तों की संगति से पर्याप्त व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त किया था। वे जूते बनाने का काम किया करते थे औऱ ये उनका व्यवसाय था और अपना काम पूरी लगन तथा परिश्रम से करते थे और समय से काम को पूरा करने पर बहुत ध्यान देते थे। संत रामानन्द के शिष्य बनकर उन्होंने आध्यात्मिक ज्ञान अर्जित किया।
05-01-2023-BSP PRESSNOTE-SANTGURU RAVIDAS JAYANTI pic.twitter.com/aKXrly0Zyc
— Mayawati (@Mayawati) February 5, 2023