India News(इंडिया न्यूज़)Up Power Corporation: जवाहर तापीय परियोजना में उत्पादन प्रारम्भ हुआ तथा 100 मेगावाट बिजली ग्रिड को भेजी गयी। विद्युत उत्पादन निगम के प्रबंध निदेशक गुरु प्रसाद एवं परियोजना महाप्रबंधक अजय कटियार सहित निर्माण कंपनी दुसान के कई अधिकारी एवं वरिष्ठ अभियंता आदि उपस्थित थे। जैसे ही मॉनिटर पर बिजली सफलतापूर्वक स्थानांतरित हुई अधिकारियों ने तालियां बजाईं। एक-दूसरे को बधाई दी गई और केक काटा गया।
यूपी के एटा जिले में जवाहर तापीय परियोजना में बिजली उत्पादन शुरू हो गया। पहले दिन 100 मेगावाट बिजली पैदा कर 765 नोएडा ग्रिड को भेजी गई। उत्पादन प्रक्रिया धीमी गति से शुरू की गयी है. मशीनों की जांच के लिए बार-बार ब्रेकडाउन लिया जा रहा है। धीरे-धीरे उत्पादन क्षमता बढ़ाई जाएगी। उत्पादन की सफल शुरूआत के बाद अधिकारी खुशी से झूम उठे और पावर प्लांट में जश्न का माहौल हो गया। शुक्रवार की रात 9.30 बजे बिजली उत्पादन की प्रक्रिया शुरू की गयी और पूरा कोयला जलाया गया. इसके बाद बिजली पैदा होने लगी. सुबह 5.40 बजे तक बिजली का उत्पादन होता रहा. 100 मेगावाट बिजली पैदा कर तुरंत नोएडा ग्रिड को भेज दी गई।
कोयले में लगी आग के दौरान पूरे इलाके में उत्साह का माहौल दिख रहा था. चिमनी में लगी आग ने भी तेजी पकड़ ली और पहली बार इस चिमनी से आग की लपटें उठती देखी गईं. हर कोई बिजली उत्पादन शुरू होने का इंतजार कर रहा था। उत्पादन प्रक्रिया शुरू करने के लिए कर्मचारी और अधिकारी कई दिनों से दिन-रात काम कर रहे थे. इस बीच कई व्यवधान आये, लेकिन समय रहते उनका समाधान कर लिया गया। उत्पादन शुरू करने से पहले मशीनों में लगे 5000 से अधिक महत्वपूर्ण घटकों की जाँच की गई। जब यह आश्वस्त हो गया कि सभी उपकरण ठीक से काम कर रहे हैं, तब बिजली उत्पादन शुरू हुआ।
उत्पादन प्रक्रिया शुरू करने के लिए लखनऊ से टीम शुक्रवार को ही पावर प्लांट पहुंच गई थी और मेंटेनेंस का काम शुरू कर दिया था। यह टीम रात भर निगरानी करती रही. जब मॉनिटर पर बिजली पहुंचाई गई तो कंट्रोल रूम में उत्साह का माहौल हो गया.
कोयला संयंत्र, थर्मल परियोजना का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा, अब सफलतापूर्वक काम कर रहा है। शुरुआत में कुछ बाधाएं आईं, लेकिन उन्हें दूर कर लिया गया।’ कोयला स्टेशन से कोयला एक बेल्ट के माध्यम से वायलार तक पहुंच रहा है। कोयला पीसने से लेकर बेल्ट संचालन तक टीम को फिलहाल कोई बाधा नजर नहीं आई।
विद्युत उत्पादन निगम के प्रबंध निदेशक ने शुक्रवार को बिजलीघर का स्थलीय निरीक्षण किया था। इस दौरान रेलवे ट्रैक पर भी काम देखने को मिला. इंजीनियरों को जल्द से जल्द रेल परिचालन शुरू करने को कहा गया ताकि कोयले की आपूर्ति निर्बाध रूप से जारी रहे. लगातार कोयला जलाने से स्टॉक खत्म हो जाएगा, इसलिए निर्बाध आपूर्ति जरूरी है।
जवाहर तापीय परियोजना में बिजली उत्पादन तो शुरू हो गया है, लेकिन उद्घाटन नियम-कायदों के अनुरूप नहीं हो सका है। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों कराने की तैयारी है. बिजलीघर से लेकर विद्युत उत्पादन निगम तक के अधिकारी प्रधानमंत्री का समय लेने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए पीएमओ से भी संपर्क किया गया है. फिलहाल माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री वर्चुअल उद्घाटन कर सकते हैं. हालांकि अभी तारीख तय नहीं हुई है.
जवाहर थर्मल पावर प्रोजेक्ट को वर्ष 1996 में मंजूरी दी गई थी।
इसके बाद वर्ष 2016 में निर्माण शुरू हुआ, जो अब तक पूरा नहीं हो सका है। आगे भी जारी रहेगा.
इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 16 हजार करोड़ रुपये है.
प्रति वर्ष 5.38 मिलियन टन कोयले की खपत होगी।