India News UP (इंडिया न्यूज), UP: उत्तर प्रदेश के संभल जिले के कैला देवी क्षेत्र के बेनीपुर चक में संत पागल बाबा की तपस्या के दौरान मृत्यु हो गई। संत पागल बाबा नशा मुक्ति, विश्व शांति, विश्व कल्याण और गौ रक्षा के लिए तपस्या कर रहे थे। 23 मई को उन्होंने अपने चारों ओर आग जलाकर तपस्या शुरू की, जो 27 मई तक चलनी थी। लेकिन तपस्या के दौरान 45 डिग्री सेल्सियस तापमान और आग की गर्मी के बीच संत की तबीयत बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
उत्तर भारत इन दिनों भीषण गर्मी से जूझ रहा है, जिसके चलते लू और गर्म हवाएं लोगों को बीमार कर रही हैं। इसी बीच अमेठी निवासी संत पागल बाबा ने संभल के उप जिलाधिकारी विनय मिश्रा से अनुमति लेकर तपस्या शुरू कर दी। संत पागल बाबा अपने चारों ओर अगरबत्ती जलाकर तपस्या में लीन थे। उनके सेवक गजराज सिंह के मुताबिक, रविवार सुबह करीब 10 बजे संत की तबीयत बिगड़ी और उन्हें तुरंत जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो चुकी थी।
संत पागल बाबा का असली नाम उजागर नहीं किया गया है, लेकिन वह अमेठी के शमशेदलपुर गांव के रहने वाले थे। उनका अमेठी में सगरा महाकाल शिव धाम नाम से आश्रम है। इससे पहले भी उन्होंने समाज में व्याप्त कुरीतियों के खिलाफ 19 स्थानों पर तपस्या की थी। वे अपनी तपस्या के दौरान बिना भोजन के रहते थे और शाम को केवल एक बार जूस पीते थे।
रविवार को तपस्या के दौरान 46 डिग्री तापमान होने के बावजूद तापमान बढ़ने पर संत पागल बाबा ने आग जलाई, जिससे उनकी तबीयत बिगड़ गई। संत की मौत की सूचना मिलने पर संभल सीडीओ भरत मिश्रा जिला अस्पताल पहुंचे और डॉक्टरों से मामले की जानकारी ली।
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संत पागल बाबा की तपस्या और उनकी मौत ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना ने अत्यधिक गर्मी के बीच तपस्या जैसे कठोर कदमों के खतरों को उजागर किया है। स्थानीय प्रशासन और जनता संत पागल बाबा की तपस्या और योगदान को आदरपूर्वक याद कर रही है।
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