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UP: 6 महीने में ही उखड़ने लगी 2 करोड़ से बनी सड़क, नहर में गिरा सीएम योगी के नाम का शिलापट्ट

• LAST UPDATED : November 21, 2022

UP

इंडिया न्यूज,चंदौली (Uttar Pradesh) । जहां एक तरफ शासन के निर्देश पर प्रदेशभर में क्षतिग्रस्त सड़कों को गड्ढा मुक्त करने की कवायद शुरू की गई है। पीडब्ल्यूडी विभाग समय सीमा के अंदर कार्य को पूर्ण करने में जुटा हुआ है। वहीं दूसरी और पीडब्ल्यूडी विभाग की मिलीभगत की वजह से सड़क के निर्माण कार्य में घटिया सामग्रियों का भी प्रयोग करने के मामले प्रकाश में आ रहे हैं। चंदौली में 3 महीने पूर्व 2 करोड़ 9 लाख रुपए की लागत से सड़क किए गए सड़क के निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार का मामला देखने को मिला है। जहां आधी अधूरी सड़क के निर्माण कार्य के साथ-साथ सीएम योगी तथा जनपद के अन्य जनप्रतिनिधियों के नाम का लगा शिलापट्ट क्षतिग्रस्त होकर नहर में गिरा पड़ा है। जिसको लेकर विभागीय अधिकारी लापरवाह दिख रहे हैं।

जगह-जगह धंस चुकी है सड़क
दरअसल सैयद राजा विधानसभा क्षेत्र के चारी-जेवरियाबाद मार्ग पर 6 महीने पूर्व पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा सड़क के निर्माण का कार्य कराया गया था। जहां मरम्मत कार्य के दौरान घटिया सामग्रियों का प्रयोग होने से कई जगह सड़क धंस चुकी है। वहीं बीच-बीच में गिट्टियों के उखड़ जाने से गड्ढे बन गए हैं। जिससे आवागमन करने वाले राहगीरों को काफी परेशानियां झेलनी पड़ रही है। जिसका वीडियो बनाकर ग्रामीणों ने 1 दिन पूर्व सोशल मीडिया पर वायरल किया था। और मामले में भ्रष्ट अधिकारियों सहित ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

इंडिया न्यूज ने की पड़ताल
वीडियो वायरल होने के बाद मौके पर जब इंडिया न्यूज़ की टीम ने पहुंचकर पड़ताल किया तो 2 करोड़ 9 लाख रुपए से किए गए सड़क के निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार देखा गया। वहीं ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि निर्माण कार्य में भस्सी के साथ साथ मिट्टी इत्यादि घटिया सामग्री का भी प्रयोग किया गया है। वहीं सड़क का निर्माण भी आधा-अधूरा किया गया है।जबकि सरकारी बोर्ड पर पूरे दूरी के सड़क निर्माण का विवरण लिखा गया है।

वहीं सड़क निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार के साथ साथ यह भी देखा गया कि सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ साथ जनपद के जनप्रतिनिधियों के नाम से लगाया गया बोर्ड पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है।और शिलापट्ट नहर में फेंक दिया गया है।जिस पर जनप्रतिनिधियों व पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों के साथ साथ ठेकेदार भी पूरी तरह लापरवाह बने हुए हैं।

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