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इंडिया न्यूज, कानपुर (Uttar Pradesh)। कानपुर के सीसामऊ से सपा विधायक इरफान सोलंकी की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को इरफान से जेल में मुलाकात की थी। मुलाकात खत्म होन के बाद इरफान पर एक और एफआईआर दर्ज की गई। ठीक इसके दूसरे दिन मंगलवार को इरफान सोलंकी की जेल बदल दी गई है। साथ ही पुलिस ने डिस्ट्रिक्ट जज की कोर्ट में फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई के लिए आवेदन कर दिया है।
महाराजगंज जेल में शिफ्ट किया जाएगा
इरफान को अब कानपुर जेल से 450 किलोमीटर दूर महाराजगंज जेल में शिफ्ट किया जाएगा। मंगलवार को विशेष सचिव ने डीजी कारागार को निर्देश जारी किया है। आदेश जारी होने के बाद सपा विधायक को शिफ्ट करने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। कहा जा रहा है कि 13 दिसंबर को जिला कारागार कानपुर प्रशासन ने विशेष सचिव को जेल बदलने के लिए पत्र भेजा था।
बांग्लादेशी नागरिक की मदद करने के लिए दर्ज हुई एफआईआर
दरअसल, यहां बांग्लादेशी नागरिक रिजवान को पकड़ा गया था। जिस मामले में यह जानकारी सामने आई थी कि इरफान सोलंकी ने उन्हें प्रमाणपत्र दिलाने में मदद की थी। इसी मामले में पुलिस जांच कर रही है। फर्जी प्रमाणपत्र के साथ पकड़े गए रिजवान से इंटेलिजेंस ब्यूरो, एटीएस और यूपीएटीएस ने पूछताछ की थी। कानपुर पुलिस के अनुसार रिजवान ने पूछताछ में कबूला की इरफान सोलंकी को पता था कि वह बांग्लादेशी नागरिक और इसके बावजूद उसकी मदद की गई। इरफान सोलंकी को इस मामले में भी गिरफ्तार किया गया है।
वही ज्वाइंट सीपी ने बताया कि इरफान सोलंकी को गिरफ्तार किया गया है। इरफान के हस्ताक्षर वाला प्रपत्र पाया गया था। हिरासत में मोहम्मद रिजवान से पूछताछ की गई तो उसने इस बात की पुष्टि की कि इरफान सोलंकी ने न केवल उसे यह दस्तावेज उपलब्ध कराया बल्कि हर संभव सहायता भी की थी। जिसके कारण एक विदेशी बांग्लादेशी नागरिक ने आधार कार्ड बनवाया। 11 दिसंबर को कानपुर पुलिस ने बांग्लादेशी नागरिक रिजवान और उसके परिवार के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया था। उनके पास से आधार कार्ड समेत कई फर्जी दस्तावेज भी बरामद किए हैं। जांच के दौरान पाया गया था कि उन दस्तावेजों पर इरफान सोलंकी के हस्ताक्षर पाए गए थे। इस मामले में इरफान पर केस दर्ज किया गया है।