इंडिया न्यूज, लखनऊ:
UP TET Paper Leak Revealed: उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) का पेपर पिछले महीन 28 नंवबर को लीक हो गया था, जिसके बाद परीक्षा को रद्द कर दिया गया था। अब इस मामले में यूपी एसटीएफ ने नया खुलासा करते हुए कहा है कि यूपीटीईटी का पेपर टाइप कराने के लिए दिल्ली से 4 स्टूडेंट्स को हायर किया गया था, जिनसे चंद रुपए देकर पेपर टाइप कराया गया था। इसके बाद 4 अलग-अलग प्रेसों में पेपर को छपवाया गया। इसमें नोएडा के सेक्टर-62 स्थित एक प्रतिष्ठित मीडिया समूह की प्रेस भी शामिल है।
यूपी एसटीएफ के सब इंस्पेक्टर अक्षय कुमार ने नोएडा के थाना सूरजपुर में दर्ज कराई गई एफआईआर में पेपर छापने में बरती गई एक-एक लापरवाही का जिक्र किया गया है। इस एफआईआर में पेपर लीक के लिए सीधे तौर पर परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव संजय उपाध्याय को दोषी बताया गया है।
सूरजपुर थाने में दर्ज एफआईआर के अनुसार, सचिव ने अनुचित लाभ के लिए अक्षम संस्था (RSM फिनसर्व लिमिटेड दिल्ली) को पेपर छापने का ठेका दिया था। इस संस्था ने भी अनुभवहीन व्यक्तियों को नियुक्त करके पेपर छपवाया। जिसकी वजह से प्रश्नपत्र की चेन ऑफ कस्टडी के साथ गोपनीयता भी कई लेवल पर भंग हुई।
एफआईआर में लिखा है कि RSM फिनसर्व कंपनी ने टीईटी का हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू व संस्कृत भाषाओं में पेपर टाइप कराने के लिए दिल्ली में स्कूल-कॉलेजों के 4 छात्र बुलवाए। एसटीएफ ने इन चारों छात्रों से पूछताछ की, जिसमें उन्होंने बताया कि उन्हें सिर्फ टाइपिंग के लिए बुलाया गया है। इसके बदले उन्हें मेहनताना दिया गया। पूछताछ के बाद एसटीएफ ने चारों छात्रों को क्लीन चिट दी है।
28 नवंबर 2021 को यूपीटीईटी का पेपर होना था। परीक्षा शुरू होने से पहले ही पेपर लीक हो गया लीक हो गया था। इस मामले में अब तक करीब 36 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिसमें पेपर छापने वाली कंपनी फरट फिनसर्व लिमिटेड के डायरेक्टर राय अनूप प्रसाद और परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव संजय उपाध्याय भी शामिल हैं। संजय ने अनूप को यह ठेका 26 अक्टूबर को नोएडा के फाइव स्टार होटल में दिया था। पूरे केस की जांच यूपी एसटीफ के नेतृत्व वाली एसआईटी को दी गई है।