अजय त्रिवेदी, लखनऊ :
महामारी के दौरान भी विदेशी निवेश आकर्षित करने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार अब इस मामले में देश के पांच शीर्ष राज्यों में जगह बनाने की तैयारी में है। औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कोरोना संकट के दौरान जब देश में आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार सुस्त थी, उस दौरान भी उत्तर प्रदेश में कई निवेशकों ने प्रदेश में अपना उद्यम स्थापित करने में रूचि दिखाई है। जिसके चलते ही उत्तर प्रदेश में विदेशी निवेश 712.35 मिलियन यूएस डॉलर से बढ़कर 785.55 यूएस मिलियन यूएस डॉलर हो गया है।
यह बढ़ोतरी बीते साल जून से दिसंबर के बीच की है। उनका कहना है कि अभी उत्तर प्रदेश प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लाने के मामले में 11वें स्थान पर है। आने वाले समय में इस मामले में इसके शीर्ष पांच राज्यों में आने की उ मीद है। वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में विदेशी कंपनियों का निवेश पिछले साल की दूसरी छमाही में 5211. 98 करोड़ रुपये से बढ़ कर दिसंबर 2021 में 5758.17 करोड़ रुपये का हो गया।
राज्य में विदेशी कंपनियों की 40 परियोजनाओं पर वर्तमान में काम चल रहा है। इन विदेशी कंपनियों को उद्यम स्थापित करने के लिए जमीन मिल चुकी है। इसमें 20559 करोड़ का विदेशी निवेश होना है। प्रदेश सरकार आने वाले दिनों में प्रस्तावित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के चलते विदेशी निवेश में इजाफा होने की उ मीद है।
कोरोना संकट के दौरान उत्तर प्रदेश में मार्च 2020 से मई 2021 तक देशी तथा विदेशी निवेशकों के 66000 करोड़ रुपये के 96 निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। इन 96 निवेश प्रस्तावों में 40 प्रस्ताव विदेशी निवेशकों के थे। इन 40 प्रस्तावों में 22 निवेश प्रस्ताव 100 करोड़ रुपए से अधिक के थे और इन निवेश प्रस्तावों के जरिए राज्य में 20559 करोड़ रुपए का निवेश होना है।
हाल में हुए विदेशी निवेशों में चीन से आयी एक जूता बनाने वाली कंपनी ने तो आगरा में 300 करोड़ रुपये के निवेश के साथ उत्पादन भी शुरू कर दिया है। इसी तरह राज्य में जापान की सात, कनाडा की दो, जर्मनी की चार, हांगकांग की एक, सिंगापुर की दो, यूके की तीन, यूएस की पांच तथा कोरिया की चार कंपनियां निवेश कर रही हैं। इनमें माइक्रोसॉ ट और आइकिया जैसी विश्वविख्यात कंपनिया भी हैं।
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