Uttar Pradesh
इंडिया न्यूज, उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh)। चलती ट्रेन में सरिया घुस जाने से हरिकेश दुबे की मौत हो गयी थी। मौत के बाद रेलवे ने हरिकेश के परिजनों को 15000 का मुआवजा देने का निश्चय किया था। मगर परिजनों के हंगामे के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को पांच लाख रुपये देने की घोषणा कर दी है।
गले में घुस गया था सरिया
आपको ज्ञात हो कि बीते शुक्रवार दिल्ली से आ रही नीलांचल एक्सप्रेस में दिल्ली-हावड़ा रेलवे ट्रैक पर सोमना और डांबर रेलवे स्टेशन के बीच लोहे की सरिया घुस गया था। सरिया घुसने से जनरल कोच में सवार सुल्तानपुर के हरिकेश दुबे की हुई मौत हो गयी थी। घटना की सूचना मिलने पर हरिकेश के परिजन भी शुक्रवार को ही वहां पहुंचे गए थे। रिकेश के परिजनों में रेलवे की लापरवाही को लेकर काफी रोष है।
रेलवे से नाराज़ परिजन शव के साथ पहुंचे रेलवे स्टेशन
हरिकेश के परिजनों का कहना है कि घटना की खबर मिलते ही वह शुक्रवार को शव लेने पहुंच गए थे। मगर फिर भी उन्हें शव शनिवार को दिया गया। वहीं दूसरी तरफ रेलवे के अफसर उनसे 15000 के मुआवजे के कागज पर दस्तखत करवा रहे थे। परिजनों ने दस्तखत करने से परिजनों ने इंकार कर दिया। पोस्टमार्टम में देरी के कारण देर से मिले शव और रेलवे के बेरुखी से नाराज हरिकेश के परिजन शव को लेकर रेलवे स्टेशन पहुंच गए। रेलवे स्टेशन पर पहुंचने के बाद हंगामे के डर और सुल्तानपुर की सांसद मेनका गांधी और पूर्व विधायक देव मणि की पहल के बाद शनिवार को रेलवे मंत्री ने परिजनों को 5 लाख देने की घोषणा की।
रेलवे अफसरों की संयुक्त टीम द्वारा अलीगढ़ पहुंचकर जांच -पड़ताल के आदेश दिए। वहीं रेलवे के अफसर इस मामले में अभी तक चुप्पी साधे हुए हैं।