राहुल पाण्डेय
बंदरों का उत्पात अब घरों से पोलिंग बूथ तक पहुंच गया है। चुनाव से जुड़े स्टाफ के लिए पोलिंग बूथ की व्यवस्थाओं को बनाए रखना बड़ा चैलेंज हो गया है। कहीं निगरानी के लिए लगे CCTV कैमरे बंदर तोड़ देते हैं, तो कहीं टेंट फाड़ रहे हैं। यहां तक की स्ट्रांग रूम में EVM और VVPAT मशीनों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ गई है।
आक्रामक होते बंदर पुलिस के डंडे से भी नहीं डरते। ऐसी अव्यवस्थाओं के सामने आने के बाद इलेक्शन कमीशन ने लंगूरों की तैनाती पोलिंग बूथ के पास करने का फैसला किया है। शुरुआत पीलीभीत से हो भी चुकी है। धीरे-धीरे बंदरों से प्रभावित करीब 150 सीटों के पोलिंग बूथ पर यही व्यवस्था होनी है।
52 कैमरे लगाए, 4 दिन में 40 तोड़े
दरअसल, पीलीभीत मंडी समिति में चुनाव आयोग ने अपना चुनाव नियंत्रण कक्ष बनाया है। यहां के स्ट्रांग रूम में रखी EVM की सुरक्षा के लिहाज से पुलिस बल तैनात किया गया है। साथ ही पूरे परिसर में 52 CCTV कैमरे लगाए गए हैं। फिर भी मंडी परिसर में बंदरों की गंभीर समस्या है।
4 दिन पहले बदरों ने चुनाव नियंत्रण कक्ष में लगे 40 कैमरे तोड़ दिए। इनमें से कुछ कैमरे दीवारों से उखाड़कर जमीन पर ऐसे पटके की वे किसी काम के ही नहीं बचे। गनीमत यह रही कि बंदर नियंत्रण केंद्र में बने स्ट्रांग रूम के अंदर रखी EVM तक नहीं पहुंच पाए।
12 गार्ड काम नहीं आए, अब 2 लंगूरों के हवाले सुरक्षा
कैमरे तोड़ने की इस घटना के बाद प्रशासन ने कुछ कैमरे रिपेयर करवा लिए। जो रिपेयर नहीं हो सकते थे, उनकी जगह नए लगवा दिए। लेकिन बंदर फिर से कैमरे तोड़ न दें, इसके लिए कलेक्टर पुलकित खरे ने यहां 12 लोगों की ड्यूटी बंदर भगाने में लगाई।
लेकिन कर्मचारी भी बंदरों को भगाने में फेल हो गए। फिर DM ने वन विभाग और स्थानीय लोगों से बंदरों की समस्या पर बात की। यहीं से पता चला कि बंदर लंगूरों से डरते हैं। लिहाजा कलेक्टर ने वन विभाग से दो लंगूरों की व्यवस्था कराई। उन्हें निर्वाचन नियंत्रण कक्ष के दोनों छोर पर बांध दिया गया। DM पुलकित खरे बताते हैं कि लंगूरों की उपस्थिति से ही बंदरों की समस्या नियंत्रित हो गई है।
7 में 4 चरणों का 231 सीटों पर मतदान बाकी
23 फरवरी को चौथे चरण के लिए 60 सीटों पर वोटिंग होनी है।
27 फरवरी काे पांचवें चरण के लिए 60 सीटों पर वोटिंग होनी है।
3 मार्च को छठवें चरण में 57 सीटों पर लोग मतदान करेंगे।
7 मार्च को सातवें चरण में 54 सीटों पर मतदान होना है।