(electricity workers on 72 hours strike): उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में विद्युत कर्मचारी (electrical worker) तीन दिन के लिए हड़ताल के लिए बैठे है। बता दे हड़ताल के दौरान व्यवस्था की मॉनिटरिंग मंडलायुक्त और डीएम करेंगे।
उत्तर प्रदेश में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने आज सुबह 10 बजे से तीन दिवसी हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है।
ऊर्जा मंत्री के साथ हुए समझौते की शर्तें नहीं माने जाने पर बिजली कर्मचारी 72 घंटे का सांकेतिक हड़ताल करेंगे। विद्युत कर्मियों ने सीएम योगी आदित्यनाथ से इस मामले में बात करने को कहा है।
प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि विद्युत आपूर्ति में व्यवधान उत्पन्न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
जिसके बाद प्रदेश सरकार के तरफ से प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार हड़ताल के दौरान विद्युत व्यवस्था की मॉनिटरिंग मंडलायुक्त और डीएम करेंगे।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि साल 2022 के 3 दिसंबर को हुए समझौते में ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने 15 दिन का समय दिया था। आज उस समझौते को 112 दिन बीत हो गए है।
लेकिन उस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है। आगे कहा कि बिजली कर्मचारियों को ऊर्जा निगमों की हठधर्मिता की वजह से ही हड़ताल पर जाना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि देश के सभी राज्यों में यूपी के बिजली कर्मचारियों के समर्थन में विरोध-प्रदर्शन होंगे।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि आज भी विभाग के लिए सबसे सस्ती बिजली का उत्पादन उत्तर प्रदेश कर रही हैं। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि निजीकरण कर रहे है।
उसे रोकने और मांगों के समाधान की जगह बिजली कर्मचारियों को पुलिस द्वारा उत्पीड़न की धमकी दी जा रही है। जिस वजह से आज सुबह 10 बजे से ही कार्य बहिष्कार करना शुरू कर दिया गया है।
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