Uttar Pradesh
इंडिया न्यूज, लखनऊ (Uttar Pradesh) । जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला शनिवार को लखनऊ पहुंचे। उन्होंने यहां इंडियन मुस्लिम फॉर सिविल राइट्स कार्यक्रम में शिरकत की। उन्होंने इस दौरान भाजपा पर जमकर हमला बोला। पूर्व सीएम ने कहा कि आज चुनाव जीतने के लिए राम-रहीम जैसों को छोड़ा जा रहा है। सिर्फ इसलिए कि उनके साथ बड़ी तादाद में लोग हैं। ये मुश्किल वक्त है। मायूसी है। मुसलमान सिर्फ अपने बारे में ही नहीं सबके बारे में सोचे। ये बोलते-बोलते वे भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि मायूस होने की जरूरत नहीं। हालात का सामना करना होगा। वहीं, पूर्व सीएम ने अखिलेश यादव से उनके आवास पर मुलाकात की।
मुस्लिमों के लिए तालीम बहुत जरूरी
फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि मुसलमानों के लिए आज तालीम बहुत जरूरी है। शेख अब्दुल्ला ने कभी भी धार्मिक पक्षपात नहीं किया और दूसरे समुदायों का सम्मान करते हुए पाकिस्तान नहीं गए। आज का नौजवान मुझसे पूछता है कि आपके वालिद पाकिस्तान के साथ क्यों नहीं चले गये। आज मुश्किल वक्त है। मायूसी है। मुसलमान सिर्फ अपने बारे में ही नहीं सबके बारे में सोचे। आज मुसलमान अमल से दूर है। आज के मौलाना अल्लाह के कलाम को समझते हैं? उसको आगे बढ़ाते हैं।
फिरकों में मत बंटिए, नफरतों को दफन करिए
फारुख ने कहा कि उपदेश देना ही काफी नहीं है। आज हम खुद हराम खाते हैं और दूसरों से कहते हैं कि हराम मत खाओ। सिर्फ मुसलमान मत ढूंढिये उन्हें तलाश करिए जो तालीम याफ्ता हों। फिरौन और नमरूद की बादशाहत नहीं रही तो ये दूसरे कब तक रहेंगे। मायूस होने से काम नहीं चलने वाला। इनके जुल्म से डरना नहीं है। ये वतन किसी एक का नहीं है हम सबका है। उन्होंने कहा कि बर्दाश्त और सब्र से काम लेना होगा। मेहनत करनी होगी। नफरतों को दफन कीजिए। फिरकों में मत बंटिये। आज चुनाव जीतने के लिए राम रहीम जैसों को छोड़ा जा रहा है क्योंकि बड़ी तादाद में लोग उनके साथ हैं। सरकार से मांगोगे तो सरकार के सामने झुकना भी पड़ेगा। हमारे नेताओं की गलती है कि हमने मुसलमानों को उनके संवैधानिक अधिकारों के बारे में जानकारी नहीं दी। उन्होंने कहा कि क्यों न ये जुल्म करें फिर भी हम सबको दूसरे समुदायों के साथ ही चलना होगा।
यह भी पढ़ें: डेंगू मरीजों का आंकड़ा 200 पार, प्लेटलेट्स के नाम पर प्राइवेट अस्पताल खेल रहे गंदा खेल, देखिए हकीकत