Uttar Pradesh
इंडिया न्यूज, लखनऊ (Uttar Pradesh) । सपा नेता आजम खान की विधायकी रद्द करने का मामला सोमवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई करते हुए योगी सरकार को नोटिस भेजा है। साथ ही चुनाव आयोग को भी नोटिस भेजा है। अब अगली सुनवाई 9 नवंबर को होगी।
आजम खान के वकील पी चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उन्होंने चीफ जस्टिस चंद्रचूण के सामने कहा था कि निचली अदालत के फैसले के बाद अगले ही दिन सीट खाली घोषित कर दी गई और 10 नवंबर को उप चुनाव की तारीख तय कर दी गई। इस पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने पूछा था कि आप हाईकोर्ट क्यों नहीं जाते हैं? चिदबंरम ने जवाब दिया कि हाईकोर्ट में दो दिन की छुट्टी है। वहां सुनवाई में समय लग सकता है। इस पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया था।
जस्टिस चंद्रचूड़ ने यूपी की योगी सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। साथ ही सुनवाई के लिए अगली तारीख 9 नवंबर तय की है। योगी सरकार और चुनाव आयोग को 9 नवंबर से पहले अपना जवाब दाखिल करना होगा।
दरअसल, हेट स्पीच के मामले में 28 अक्टूबर को आजम खान को तीन साल की सजा सुनाई गई। इसके एक दिन बाद यानी 29 अक्टूबर को आजम खान की विधान सभा से सदस्यता रद्द कर दी गई। आजम खान ने 2022 के विधानसभा चुनाव में रामपुर सीट से 10वीं बार जीत हासिल की थी।
इससे पहले ही उन्होंने रामपुर लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था। जनप्रतिनिधत्व अधिनियम कहता है कि दो साल या उससे अधिक सजा पाने वाले किसी भी व्यक्ति को ऐसी सजा की तारीख से अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा और जेल में समय बिताने के बाद 6 साल के लिए अयोग्यता बरकरार रहेगी।
यह भी पढ़ें: रामपुर के लोग बोले- हमारे जिले का नाम उपचुनाव नगर हो, जानिए क्यों रखी ये अनोखी डिमांड
यह भी पढ़ें: मायावती का अखिलेश पर बड़ा हमला, बोलीं- सपा अपनी हार के लिए अब कौन सा बहाना बनाएगी?