इंडिया न्यूज, लखनऊ।
Uttar Pradesh will Get 22th-chief-minister in 2022 : यूपी में में सात चरणों तक चली वोटिंग की प्रक्रिया अब खत्म हो चुकी है। अब सबकी नजर कल होने वाले मतगणना पर टिकी है। चुनाव बाद हुए एग्जिट पोल सर्वे में भाजपा के लगातार दूसरी बार सत्ता में बने रहने की संभावना जताई गई है। फिलहाल प्रदेश में लगातार 3 बार से पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनी है। अगर योगी आदित्यनाथ फिर से मुख्यमंत्री बनते हैं तो लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने वाले वे भाजपा के पहले नेता होंगे। आजादी के बाद से प्रदेश में अब तक 21 मुख्यमंत्री हुए हैं, अब देखना होगा कि साल 2022 में क्या 22वां मुख्यमंत्री मिलता है और उनका किस बिरादरी से ताल्लुक रहता है।
उत्तर प्रदेश में मतगणना के बाद परिणाम क्या होता है इसके बारे में कल गुरुवार दोपहर तक स्थिति के साफ होने के आसार हैं। 80 लोकसभा सीट और 403 विधानसभा सीट वाले उत्तर प्रदेश की राजनीतिक हैसियत पूरे देश में किसी अन्य प्रदेश की तुलना में कहीं ज्यादा है। 2024 में होने वाले आम चुनाव से पहले अभी जारी 5 राज्यों के चुनाव को सेमीफाइनल चुनाव करार दिया जा रहा है, खासकर यूपी के चुनाव को देखते हुए। ऐसे में इस बार का चुनाव हर पार्टी के लिए अहम हो जाता है।
समाजवादी पार्टी का इस चुनाव में नारा था- ’22 में बाइसकिल’, लेकिन क्या प्रदेश को इस बार 22वां मुख्यमंत्री मिलेगा। पंडित गोविंद वल्लभ पंत से लेकर आज तक प्रदेश में 21 मुख्यमंत्री हुए हैं। इन 21 मुख्यमंत्रियों में सिर्फ 3 मुख्यमंत्री ही ऐसे हुए हैं जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया और वो हैं मायावती, अखिलेश यादव और योगी आदित्यनाथ। देश और प्रदेश में चुनाव हो और जाति का जिक्र न हो ऐसा हो ही नहीं सकता। प्रदेश में लगभग सभी दलों ने टिकटों का बंटवारा पूरा जातिगत समीकरण को देखते हुए तय किया था।
प्रदेश में पिछड़ा वर्ग और दलितों का ज्यादातर सीटों पर खासा वर्चस्व है। सवर्णों की स्थिति भी कई सीटों में बेहद अहम मानी जाती है। अनुमानित आंकड़ों के आधार पर सूबे में सबसे ज्यादा संख्या पिछड़े वर्गों की है जो करीब 42 से 45 फीसदी के करीब आते हैं। इसके बाद दलित (20 से 22 फीसदी) और सवर्ण वर्ग (18 से 20 फीसदी) के लोग आते हैं। चौथे स्थान पर मुस्लिम समाज के लोग आते हैं और इनकी आबादी करीब 18 फीसदी बताई जाती है।
प्रदेश की कुल 403 सीटों पर आरक्षित सीटों का जिक्र करें तो यहां पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए 86 सीटें आरक्षित की गई हैं जिसमें एससी वर्ग के लिए 84 सीटें और एसटी के लिए 2 सीटें रिजर्व हैं। भारतीय जनता पार्टी ने आरक्षित 86 सीटों में से 70 सीटों पर जीत हासिल की थी, जिसमें 69 सीट एससी कोटे और 1 सीट एसटी कोटे की थी। जबकि समाजवादी पार्टी के खाते में 7 सीट गई थी। बीजेपी के साथ मिलकर 2017 का चुनाव लड़ने वाली अपना दल और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने 3-3 सीटें जीतीं तो बहुजन समाज पार्टी ने 2 सीटों पर जीत हासिल की थी।
(Uttar Pradesh will Get 22th-chief-minister in 2022)