Varanasi News
इंडिया न्यूज, वाराणसी (Uttar Pradesh)। अक्सर पुलिस शब्द सुनते ही हमारे मन मस्तिष्क पर निगेटिव छवि बनकर सामने आती है। इसके कई कारण हैं। लेकिन इन खाकीधारियों के बीच तमाम ऐसे हैं, जिन्होंने अपने पॉजिटिव कामों से मिसाल पेश की है।
कुछ ऐसा ही मामला वाराणसी से सामने आया है। आंध्र प्रदेश से काशी विश्वनाथ धाम के दर्शन के लिए आई एक महिला अपने परिवार से बिछड़ गई। वह तेलगू में बोल रही थी, इसलिए उसकी भाषा कोई समझ नहीं पा रहा था। जैसे ही इसकी जानकारी कमिश्नर ए सतीश गणेश को पता चली तो सीधे गोदौलिया पुलिस बूथ पहुंच गए।
उन्होंने तेलगू में बात कर महिला को उसके परिवार से मिलवाया। उनके इस काम की तारीफ सोशल मीडिया पर खूब हो रही है।
आंध्र प्रदेश की रहने वाली राज लक्ष्मी अपने परिवार के साथ वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम के दर्शन के लिए आई थीं। लेकिन दर्शन-पूजन के बाद वे परिवार से बिछड़ गईं। वे इधर-उधर भटकते हुए गोदौलिया चौराहे पर पहुंच गई। यहां पुलिस बूथ है। राज लक्ष्मी ने पुलिस से मदद मांगी। लेकिन उनकी भाषा किसी भी पुलिसकर्मी को समझ में नहीं आ रही थी। पुलिस वालों ने यह सूचना पब्लिक एड्रेस सिस्टम से हर तरफ प्रसारित किया। बात पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश तक पहुंची तो वे खुद दल-बल के साथ गोदौलिया पुलिस बूथ पहुंच गए।
पुलिस कमिश्नर ने महिला से तेलगू भाषा में बात की। इसके बाद खुद तेलगू में बोलते हुए वायरलेस पब्लिक एड्रेस सिस्टम पर महिला के गुमशुदा होने और मिलने की बात प्रसारित की। कमिश्नर की बात सुनकर महिला के परिवार वाले गोदौलिया पुलिस बूथ पहुंचे। कमिश्नर ने उन सभी से तेलगू में संपर्क किया। मां की खोजबीन कर रहे सतीश ने जब उन्हें पुलिस कमिश्नर के बगल में बैठे देखा तो उनकी आंखों से आंसू बहने लगे।
वहीं, मां भी अपने बेटे को देख कर रोने लगीं। इसके बाद राज लक्ष्मी के बेटे सतीश कुमार ने अपनी मां को प्राप्त किया। मां के मिलने से सतीश काफी खुश दिखे। वे हाथ जोड़कर कमिश्नर का अभिवादन करते नजर आए। उन्होंने वाराणसी को दिल से धन्यवाद करते हुए पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश को सैल्यूट किया।
बता दें कि आईपीएस ए सतीश गणेश वाराणसी कमिश्नरेट के पहले कमिश्नर हैं। वे 1996 बैच के आईपीएस हैं। वाराणसी में पोस्टिंग से पहले वे आगरा में एडीजी/आईजी रेंज के पद पर तैनात थे। कंप्यूटर साइंस से बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले ए. सतीश गणेश मूल रूप से बिलासपुर के रहने वाले हैं। इससे पहले वर्ष 2012 में ए. सतीश गणेश वाराणसी में डीआईजी रेंज के पद पर तैनात रह चुके हैं। ए. सतीश गणेश की गिनती उत्तर प्रदेश के तेजतर्रार, ईमानदार और समय के पाबंद पुलिस अफसरों में की जाती है।
देखिए सोशल मीडिया पर कमिश्नर की हो रही तारीफ-
https://twitter.com/PawanJa11630740/status/1578117991665119233
यू हीं नहीं कोई @SatishBharadwaj बन जाता है !!! @varanasipolice कमिश्नर ए सतीश गणेश ने परिवार से बिछड़ गई आंध्र प्रदेश की महिला को परिजनों से मिलवाया.वो तेलगु बोल रही थी पुलिस समझ ही नहीं पा रही थी. तब सतीश गणेश ने तेलगु बोलकर एनाउंसमेंट किया और परिजनों को ढूंढा. @Uppolice pic.twitter.com/cb7lN3CiYP
— Amit Shukla (@amitshuklazee) October 7, 2022
आंध्र प्रदेश से काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन के लिए आयी महिला अपने परिवार से बिछड़ गयी। इस बात की जानकारी पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश तक पहुंची तो वह सीधे गोदौलिया पुलिस बूथ पहुंच गये। @SatishBharadwaj pic.twitter.com/78GzqiGcnT
— Utkarsh Singh (@utkarshs88) October 6, 2022
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