इंडिया न्यूज मथुरा:
Vraj ki Holi 2022 रंगभरनी एकादशी पर ठा. बांकेबिहारी मंदिर में होली की अलग ही उमंग और उल्लास नजर आया। ऐसा उल्लास कही और नहीं दिखता। श्वेत धवल वस्त्रों में मोरमुकुट, कमर में रंगों का फेंटा बांध जब हुरियारे के रूप में ठा. बांकेबिहारी ने भक्तों को दर्शन दिए, तो भक्त आल्हादित हो उठे। आराध्य के कपोल (गाल) पर चोवा, चंदन, अबीर अैर गुलाल लगाकर जब सेवाधिकारियों ने ठाकुरजी का प्रसादी टेसू का रंग पिचकारी के जरिए भक्तों पर उड़ेला तो हर भक्त आराध्य के प्रसादी रंग में सराबोर होने को उत्सुक दिखा।
भक्तों की भीड़ से खचाखच भरा मंदिर प्रांगण, कदम रखने तक की जगह नहीं और हर भक्त की इच्छा ठाकुरजी के रंग में सराबोर होने की, तो श्रद्धालुओं में आगे बढ़ने की ललक होना जायज था और हुआ भी यही। सुबह से लेकर शाम तक आराध्य बांकेबिहारी के प्रसादी रंग में सराबोर होकर भक्तों ने होली का जो धमाल मचाया मानो पूरी दुनियाभर की होली का आनंद केवल बांकेबिहारी के आंगन में ही आ रहा था।
रंगभरनी एकादशी पर ब्रज में होली का उत्साह पूरे चरम पर पहुंच गया। सोमवार को रंगभरनी एकादशी से ठा. बांकेबिहारी समेत ब्रज के मंदिरों में अबीर-गुलाल बरसना शुरू हो गया। बड़ी संख्या में लोग सूरज की पहली किरण के साथ वृंदावन की पंचकोसी परिक्रमा कर रहे हैं। ब्रज की होली की बात ही निराली है। इसीलिए, होली का नाम आते ही सबसे पहले ब्रज का नाम ध्यान में आता है। बांके बिहारी मंदिर में होलिका दहन वाले दिन तक मंदिर के सेवाधिकारी ठाकुरजी के प्रसाद के तौर पर रंग-गुलाल भक्तों पर डालेंगे।