इंडिया न्यूज, Uttar Pradesh News : चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत द्वारा बनाए गए किसानों के संगठन भारतीय किसान यूनियन यानी भाकियू में सांगठनिक बदलाव के बाद बवाल मचा हुआ है। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत और उनके बड़े भाई तथा भाकियू के अध्यक्ष नरेश टिकैत को हटा दिया गया है। अब भाकियू की कमान राजेश सिंह चौहान के हाथों में आ गई है। इस बदलाव के बाद हर कोई राजेश सिंह चौहान के बारे में जानना चाहता है। आगे हम बताएंगे राजेश सिंह चौहान की प्रोफाइल।
राजेश सिंह चौहान 32 साल तक भाकियू में रहे और अपने काम के दम पर प्रदेश व देश के किसानों के बीच संघर्षशील नेता के तौर पर अपनी पहचान बनाई। वह कभी किसी दल से सीधे तौर पर तो नहीं जुड़े रहे लेकिन चुनाव चाहे लोकसभा का हो या विधानसभा का, उनका समर्थन पाने की होड़ हर राजनीतिक दल में मची रहती है। भाकियू में बतौर जिलाध्यक्ष पद से अपने सफर की शुरुआत करने वाले राजेश चौहान अब संगठन के अध्यक्ष हैं। उनके समर्थकों में खासा उत्साह है।
राजेश चौहान का जन्म फतेहपुर के हथगाम ब्लॉक के सिठौरा गांव में हुआ था। फतेहपुर के आदर्श नगर में रहने वाले राजेश चौहान हमेशा किसान समस्याओं को लेकर धरना-प्रदर्शन करते रहे हैं और इसी से उनकी पहचान भी है। किसान से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए रेल और सड़क रोको व अधिकारियों को बंधक बनाने तक का आंदोलन उनकी अगुवाई में किया गया। राजेश चौहान 1990 में भारतीय किसान यूनियन से बतौर जिलाध्यक्ष के रूप में जुड़े।
संगठन को जुझारू बनाने और किसान हितों की लड़ाई लड़ते हुए वर्ष 2000 में प्रयागराज मंडल के अध्यक्ष का दायित्व दिया गया। उसके बाद प्रदेश अध्यक्ष और फिर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का दायित्व निभाया। 2017 में घर की बहू बनी ब्लॉक प्रमुखः राजेश चौहान ने 2017 में पंचायत चुनाव के दौरान हथगाम से भाई भूपेंद्र की बहू बीना सिंह को निर्दलीय ब्लॉक प्रमुख बनाया था। आगे चलकर उनके भाई सपा समर्थक बन गए। राजेश भाकियू के राजनीतिक संगठन बहुजन किसान दल के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
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