इंडिया न्यूज, आगरा:
Wing Commander Prithvi आगरा देशभक्ति के रंग से रंगा हुआ था । यह रंग था देश के वीर सिपाही को आखिरी सलामी देने के गौरव का। गर्व की ये अनुभूति उस पिता की आंखों में भी थी जिसने अपने सपूत को खोया। उस मां का आंचल भी गर्व के आंसुओं से भीगा था जिसने अपने दूध से अपने जिगर के टुकड़े को सींचा था।
बहन की रखियां अपने रक्षक भाइ की शांत देह को निहार रहीं थीं तो वीरनारी पत्नी अपने वीर पति के साथ उसके आखिरी सफर पर चलने के लिए आतुर हो रही थी। मासूम बेटे और बेटी को तो कुछ पता ही नहीं था। अंतिम संस्कार क्या होता है, मुखाग्नि कि क्रिया क्या होती है वो ये समझ ही नहीं पा रहा था।
शनिवार दोपहर को शहीद विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान की अंत्येष्टि क्रिया हुइ। बेटे ने अपने पिता को मुखाग्नि तो दी लेकिन उसके मन में न जाने कितने ही सवालों का सैलाब उमड़ रहा था। वो सोच में था कि पापा आखिर बोल क्यों नहीं रहे। इतनी भीड़ का क्या मतलब है।
तमिलनाडु के कुन्नूर के पास हुए हैलीकॉप्टर क्रेश हादसे में शहीद हुए विंग कामंडर पृथ्वी सिंह चौहान का शनिवार दोपहर अंतिम संस्कार किया गया। बेटे ने चिता का मुखाग्नि दी। इससे पहले न्यू आगरा के सरन नगर से विंग कमांडर के निवास से जाबांज अफसर की अंतिम यात्रा जब निकली तो जैसे पूरा शहर उमड़ पड़ा हो। सेना के अधिकारियों ने तिरंगे में लिपटे अपने साथी को कांधा दिया।