इंडिया न्यूज, वाराणसी।
World Hindi Day 2022 : बनारस ने ही हिंदी को व्याकरण और शब्दों का अनुशासन दिया है। भाषा निर्माण से लेकर हिंदी खड़ी बोली के विकास तक की धारा को बढ़ाने में बनारस का योगदान अतुलनीय है। विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर काशी के साहित्यकारों ने बनारस के योगदान को अतुलनीय बताया। (World Hindi Day 2022)
साहित्यकार डॉ. काशीनाथ सिंह का कहना है कि आज जो खड़ी बोली बोली जाती है उसके निर्माता भारतेंदु हरिश्चंद्र ही माने जाते हैं। उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद ने उर्दू के शब्दों का हिंदी में प्रयोग करके हिंदी को हिंदुस्तानी बनाया।
डॉ. सिंह के मुताबिक, बनारस की हिंदी की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वह अपने शब्दकोष हिंदी से लेती है। बनारस की हिंदी मॉडल भाषा कही जा सकती है। बनारस ने हिंदी को जो दे दिया है वह अब कोई और नहीं दे सकेगा। बनारस हिंदी की जन्मस्थली है। यहीं से हिंदी को व्याकरण भी मिला और शब्दानुशासन भी। कबीर, तुलसी से लेकर जगन्नाथ दास रत्नाकर और भारतेंदु हरिश्चंद्र से प्रेमचंद ने हिंदी को समृद्ध बनाया।
साहित्यकार डॉ.जितेंद्रनाथ मिश्र का कहना है कि हिंदी भाषा का पहला व्याकरण नागरी प्रचारिणी सभा से ही निकला था। इसको कामता प्रसाद गुरु ने तैयार किया और उस समय के विद्वानों ने इसको अंतिम स्वरूप दिया। गीतकार सुरेंद्र वाजपेयी का कहना है कि पहले फारसी में ही सरकारी दफ्तरों में आवेदन स्वीकार किए जाते थे। (World Hindi Day 2022)
महामना के नेतृत्व में हिंदी में सरकारी दफ्तरों में आवेदन स्वीकार करने का आंदोलन बनारस से ही शुरू हुआ था। हिंदी का शब्द सागर भी नागरी प्रचारिणी से 12 खंडों में प्रकाशित किया गया था।
(World Hindi Day 2022)
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